अदालत ने सांसद नवनीत राणा, उनके पिता पर जुर्माना लगाया
punjabkesari.in Monday, Jan 30, 2023 - 08:08 PM (IST)
मुंबई, 30 जनवरी (भाषा) यहां की एक अदालत ने सोमवार को लोकसभा सदस्य नवनीत राणा और उनके पिता के खिलाफ फर्जी जाति प्रमाण-पत्र मामले की सुनवाई स्थगित करने की मांग करने पर एक-एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया।
कई बार तलब किए जाने के बावजूद अदालत में पेश नहीं होने के लिए अदालत ने अमरावती की सांसद के पिता को भगोड़ा घोषित किया।
राणा और उनके पिता पर जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए कथित रूप से फर्जी दस्तावेज बनाने का आरोप है, क्योंकि अमरावती सीट अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है।
मामला सोमवार को अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पीआई मोकाशी के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध था। राणा के वकील के एक सहायक ने यह कहते हुए स्थगन की मांग की कि उनके वरिष्ठ एक मामले की सुनवाई के सिलसिले में हैदराबाद की अदालत में हैं।
इसके बाद अदालत ने वकील को फटकार लगाई और प्रत्येक आरोपी पर एक-एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया।
मजिस्ट्रेट ने गैर जमानती वारंट जारी होने के बावजूद राणा के पिता के कभी अदालत में पेश नहीं होने पर उन्हें भगोड़ा करार दिया।
मुंबई के मुलुंड पुलिस थाने में दर्ज शिकायत के अनुसार, राणा और उसके पिता ने जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए कथित तौर पर जाली दस्तावेज बनाए थे, क्योंकि अमरावती सीट अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
कई बार तलब किए जाने के बावजूद अदालत में पेश नहीं होने के लिए अदालत ने अमरावती की सांसद के पिता को भगोड़ा घोषित किया।
राणा और उनके पिता पर जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए कथित रूप से फर्जी दस्तावेज बनाने का आरोप है, क्योंकि अमरावती सीट अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है।
मामला सोमवार को अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पीआई मोकाशी के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध था। राणा के वकील के एक सहायक ने यह कहते हुए स्थगन की मांग की कि उनके वरिष्ठ एक मामले की सुनवाई के सिलसिले में हैदराबाद की अदालत में हैं।
इसके बाद अदालत ने वकील को फटकार लगाई और प्रत्येक आरोपी पर एक-एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया।
मजिस्ट्रेट ने गैर जमानती वारंट जारी होने के बावजूद राणा के पिता के कभी अदालत में पेश नहीं होने पर उन्हें भगोड़ा करार दिया।
मुंबई के मुलुंड पुलिस थाने में दर्ज शिकायत के अनुसार, राणा और उसके पिता ने जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए कथित तौर पर जाली दस्तावेज बनाए थे, क्योंकि अमरावती सीट अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है।
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