यस बैंक-डीएचएफएल मामला : सीबीआई ने एम्स बोर्ड से अविनाश भोसले के स्वास्थ्य की जांच की मांग की
punjabkesari.in Monday, Jan 16, 2023 - 10:22 PM (IST)

मुंबई, 16 जनवरी (भाषा) केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मुंबई में एक विशेष अदालत का दरवाजा खटखटाते हुए अनुरोध किया है कि यस बैंक-डीएचएफएल मामले में आरोपी एवं बिल्डर अविनाश भोसले के स्वास्थ्य की जांच के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के तहत एक बोर्ड का गठन किया जाए।
सीबीआई ने पिछले साल 26 मई को भोसले को गिरफ्तार किया था और बाद में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धनशोधन मामले में उन्हें हिरासत में ले लिया था। वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं और अक्टूबर से एक अस्पताल में भर्ती हैं।
विशेष न्यायाधीश एम. जी. देशपांडे ने कहा कि सीबीआई की याचिका पर अभी सुनवाई करने का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि अदालत पहले ही इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय को निर्देश दे चुकी है।
भोसले पर सरकारी जेजे अस्पताल के डीन की रिपोर्ट के "संतोषजनक" नहीं होने के सीबीआई के दावे पर अदालत ने कहा कि एजेंसी अस्पताल के डीन से संपर्क कर सकती है और अलग-अलग अनुरोध करने के बजाय वह ईडी के साथ होकर अस्पताल से विवरण ले सकती है।
अगली तारीख पर इस संबंध में और सुनवाई होगी।
जांच एजेंसी सीबीआई के अनुसार, पुणे के एक ऑटोरिक्शा चालक से रियल एस्टेट कारोबारी बने भोसले ने ऋण दिलाने के लिए बिचौलिए के रूप में 360 करोड़ रुपये से अधिक की कथित रूप से रिश्वत प्राप्त की थी।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
सीबीआई ने पिछले साल 26 मई को भोसले को गिरफ्तार किया था और बाद में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धनशोधन मामले में उन्हें हिरासत में ले लिया था। वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं और अक्टूबर से एक अस्पताल में भर्ती हैं।
विशेष न्यायाधीश एम. जी. देशपांडे ने कहा कि सीबीआई की याचिका पर अभी सुनवाई करने का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि अदालत पहले ही इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय को निर्देश दे चुकी है।
भोसले पर सरकारी जेजे अस्पताल के डीन की रिपोर्ट के "संतोषजनक" नहीं होने के सीबीआई के दावे पर अदालत ने कहा कि एजेंसी अस्पताल के डीन से संपर्क कर सकती है और अलग-अलग अनुरोध करने के बजाय वह ईडी के साथ होकर अस्पताल से विवरण ले सकती है।
अगली तारीख पर इस संबंध में और सुनवाई होगी।
जांच एजेंसी सीबीआई के अनुसार, पुणे के एक ऑटोरिक्शा चालक से रियल एस्टेट कारोबारी बने भोसले ने ऋण दिलाने के लिए बिचौलिए के रूप में 360 करोड़ रुपये से अधिक की कथित रूप से रिश्वत प्राप्त की थी।
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