महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद : पवार ने कहा, हालात चिंताजनक
Wednesday, Dec 07, 2022 - 09:58 AM (IST)
मुंबई, छह दिसंबर (भाषा) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के सुप्रीमो शरद पवार ने महाराष्ट्र-कर्नाटक के सीमावर्ती क्षेत्रों में हालात को मंगलवार को ‘‘चिंताजनक’’ बताते हुए कहा कि वहां जो कुछ हो रहा है उसे देखते हुए अब स्पष्ट रूख तय करने का वक्त आ गया है।
गौरतलब है कि कर्नाटक के साथ सीमा विवाद पर समन्वय की जिम्मेदारी संभाल रहे महाराष्ट्र सरकार के मंत्रियों चन्द्रकांत पाटिल और शंभुराज देसाई का कार्यक्रम मंगलवार को कर्नाटक के बेलगावी जिले का दौरा कर वहां महाराष्ट्र एकीकरण समिति के कार्यकर्ताओं से मिलने और दशकों पुराने सीमा मुद्दे पर चर्चा करने का था।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने सोमवार को कहा था कि वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगियों को बेलगावी दौरे पर नहीं भेजने को कहेंगे क्योंकि इससे जिले में कानून-व्यवस्था प्रभावित हो सकती है।
इसपर जोर देते हुए कि महाराष्ट्र के साथ सीमा विवाद सुलझ चुका है, मुख्यमंत्री ने कहा था कि उन्होंने संबंधित अधिकारियों को पहले ही निर्देश दे दिया है कि अगर महाराष्ट्र के मंत्री दौरे पर आते हैं तो क्या कदम उठाने हैं और सरकार कानूनी कार्रवाई करने से नहीं हिचकेगी।
वहीं, मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में पवार ने दावा किया कि पिछले कुछ सप्ताह से कर्नाटक के मुख्यमंत्री द्वारा हालात को अलग रास्ते पर ले जाने का सोचा-समझा प्रयास किया जा रहा है।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री पवार ने कहा, ‘‘सीमावर्ती क्षेत्रों में जो हो रहा है, उसे देखने के बाद रूख स्पष्ट करने का वक्त आ गया है। वहां हालात चिंताजनक हैं।’’ गौरतलब है कि पवार की पार्टी महाराष्ट्र की पूर्ववर्ती महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार का हिस्सा थी। एमवीए, शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा की गठबंधन सरकार थी।
महाराष्ट्र 1960 में अपने गठन के वक्त से ही बेलगावी जिले और मराठी भाषी अन्य 80 गांवों को लेकर कर्नाटक के साथ सीमा विवाद में उलझा हुआ है। बेलगावी और ये सभी गांव फिलहाल कर्नाटक का हिस्सा हैं।
दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद का यह मुद्दा फिलहाल उच्चतम न्यायालय में लंबित है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
गौरतलब है कि कर्नाटक के साथ सीमा विवाद पर समन्वय की जिम्मेदारी संभाल रहे महाराष्ट्र सरकार के मंत्रियों चन्द्रकांत पाटिल और शंभुराज देसाई का कार्यक्रम मंगलवार को कर्नाटक के बेलगावी जिले का दौरा कर वहां महाराष्ट्र एकीकरण समिति के कार्यकर्ताओं से मिलने और दशकों पुराने सीमा मुद्दे पर चर्चा करने का था।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने सोमवार को कहा था कि वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगियों को बेलगावी दौरे पर नहीं भेजने को कहेंगे क्योंकि इससे जिले में कानून-व्यवस्था प्रभावित हो सकती है।
इसपर जोर देते हुए कि महाराष्ट्र के साथ सीमा विवाद सुलझ चुका है, मुख्यमंत्री ने कहा था कि उन्होंने संबंधित अधिकारियों को पहले ही निर्देश दे दिया है कि अगर महाराष्ट्र के मंत्री दौरे पर आते हैं तो क्या कदम उठाने हैं और सरकार कानूनी कार्रवाई करने से नहीं हिचकेगी।
वहीं, मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में पवार ने दावा किया कि पिछले कुछ सप्ताह से कर्नाटक के मुख्यमंत्री द्वारा हालात को अलग रास्ते पर ले जाने का सोचा-समझा प्रयास किया जा रहा है।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री पवार ने कहा, ‘‘सीमावर्ती क्षेत्रों में जो हो रहा है, उसे देखने के बाद रूख स्पष्ट करने का वक्त आ गया है। वहां हालात चिंताजनक हैं।’’ गौरतलब है कि पवार की पार्टी महाराष्ट्र की पूर्ववर्ती महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार का हिस्सा थी। एमवीए, शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा की गठबंधन सरकार थी।
महाराष्ट्र 1960 में अपने गठन के वक्त से ही बेलगावी जिले और मराठी भाषी अन्य 80 गांवों को लेकर कर्नाटक के साथ सीमा विवाद में उलझा हुआ है। बेलगावी और ये सभी गांव फिलहाल कर्नाटक का हिस्सा हैं।
दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद का यह मुद्दा फिलहाल उच्चतम न्यायालय में लंबित है।
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