वाहनों पर कर की दर को 10 साल की अवधि में आधा करने की जरूरत : विक्रम किर्लोस्कर

punjabkesari.in Sunday, Nov 27, 2022 - 11:28 AM (IST)

मुंबई, 27 नवंबर (भाषा) टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के वाइस चेयरमैन विक्रम किर्लोस्कर ने कहा है कि 10 साल की अवधि के दौरान वाहनों पर कर को घटाकर आधा करने के लिए एक रूपरेखा बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा किया जाता है तो भारतीय वाहन उद्योग वैश्विक स्तर पर अधिक प्रतिस्पर्धी बन सकेगा और इससे बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे जिससे अर्थव्यवस्था को लाभ होगा।
किर्लोस्कर ने पीटीआई-भाषा के साथ साक्षात्कार में कहा कि फिलहाल भारत वाहनों पर कर की दर में भारी कमी नहीं कर सकता है। इसके साथ ही उन्होंने जोड़ा कि देश के कुल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में इस क्षेत्र के योगदान को देखते हुए उद्योग पर उपकर को कम करने की योजना पर विचार किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि वाहन उद्योग पर अत्यधिक कर लगाया जाता है। यदि हम किसी कार की कीमत को उसके उत्पादन और उसकी बिक्री के समय को देखते हैं, तो ज्यादातर मामलों में यह कारखाने के गेट पर कीमतों की तुलना में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) और अन्य सभी करों को जोड़ने के बाद 30 से 50 प्रतिशत अधिक बैठती है।
उन्होंने आगे कहा, ‘‘हम एक उद्योग के रूप में बहुत प्रतिस्पर्धी हैं। मुझे लगता है कि दुनिया में लागत के लिहाज से, गुणवत्ता के लिहाज से, हम काफी प्रतिस्पर्धी बन गए हैं। इसलिए मुझे लगता है कि समय के साथ करों को कम करने की योजना से वास्तव में उद्योग को फायदा होगा।’’
उन्होंने कहा कि 10 साल की अवधि में, क्या आप इसे आधा कर सकते हैं।? ... क्या वाहन उद्योग में कराधान को कम करने के लिए दीर्घकालिक योजना बनाना संभव है, ताकि इसे काफी बड़ा बनाया जा सके। ‘‘इससे यह घरेलू बाजार और निर्यात की दृष्टि से अधिक प्रतिस्पर्धी हो सकेगा। इससे बड़े पैमाने पर रोजगार मिलेगा और अर्थव्यवस्था को फायदा होगा।’’
फिलहाल वाहनों पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाता है। इसके अतिरिक्त वाहन के प्रकार के हिसाब से इसपर एक से 22 प्रतिशत का उपकर लगता है। पूर्ण निर्मित इकाई (सीबीयू) के रूप में आयातित कारों पर 60 से 100 प्रतिशत का सीमा शुल्क लगता है।
किर्लोस्कर ने कहा कि धीरे-धीरे करों को कम करने के से रोजगार और आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।


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PTI News Agency

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