प्रतिकूल हालात में देश के पूंजी बाजार से 100 अरब डॉलर तक की निकासी संभवः आरबीआई लेख
Monday, Jun 20, 2022 - 07:54 PM (IST)
मुंबई, 20 जून (भाषा) देश में पोर्टफोलियो प्रवाह यानी प्रतिभूतियों में निवेश वैश्विक स्तर पर जोखिम धारणा में होने वाले बदलावों के प्रति सबसे संवेदनशील है और प्रतिकूल स्थिति में संभावित पोर्टफोलियो निकासी एक साल में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का करीब 3.2 प्रतिशत यानी 100 अरब डॉलर तक हो सकती है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नवीनतम बुलेटिन में प्रकाशित एक लेख में यह आशंका जताई गई है। ''जोखिम में पूंजी प्रवाहः भारत का अनुभव'' शीर्षक लेख में कहा गया है कि कई तरह के आघातों से जुड़ी ''ब्लैक स्वान'' घटना में संभावित पूंजी निकासी जीडीपी के 7.7 प्रतिशत तक जा सकती है। इस तरह तरलता अधिशेष बनाए रखने की जरूरत पर बल दिया गया है ताकि भारी उठापटक का सामना किया जा सके।
एक ''ब्लैक स्वान'' घटना भारतीय इतिहास में अनुभव किए गए सभी प्रतिकूल झटकों के एक साथ घटित होने की स्थिति हो सकती है, जो किसी आर्थिक तूफान का सबब बन सकती है।
आरबीआई के इस लेख के मुताबिक, 1990 के दशक से ही उभरते बाजारों में आए संकटों और वैश्विक वित्तीय संकट से जुड़े अनुभवों के बाद पूंजी प्रवाह से जुड़े लाभों से हटकर ध्यान उनके परिणामों की ओर चला गया है। वित्तीय कमजोरियां बढ़ाने और व्यापक आर्थिक अस्थिरता को बढ़ावा देने जैसे दुष्परिणाम देखे गए हैं।
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल देवव्रत पात्रा ने हरेंद्र बेहरा और सीलू मुडुली के साथ मिलकर लिखे गए इस लेख में कहा, "भारत के लिए पूंजी प्रवाह वैश्विक स्तर पर जोखिम की धारणा में आने वाले बदलावों के लिहाज से सबसे संवेदनशील है।"
इस लेख के मुताबिक, "पूंजी प्रवाह के बारे में जोखिम वाला नजरिया लागू करने पर यह दिखाई देता है कि प्रतिकूल परिदृश्य में संभावित पूंजी निकासी औसतन जीडीपी का 3.2 प्रतिशत तक हो सकती है। ऐतिहासिक अनुभव से देखें तो हरेक झटके के जवाब में संभावित पोर्टफोलियो पूंजी निकासी जीडीपी के 2.6-3.6 प्रतिशत के दायरे में हो सकता है। इसका औसत जीडीपी का 3.2 प्रतिशत यानी एक वर्ष में 100.6 अरब डॉलर होगा।"
आरबीआई का लेख कहता है कि कोविड-19 के समय वास्तविक जीडीपी वृद्धि में आए संकुचन की स्थिति में भारत से 100 अरब डॉलर तक की पोर्टफोलियो निकासी की संभावना पांच प्रतिशत है।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने सिर्फ जून महीने में ही अब तक भारतीय बाजार से 31,430 करोड़ रुपये की निकासी कर ली है। इस तरह विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की इक्विटी बाजार से शुद्ध निकासी कैलेंडर वर्ष 2022 में अब तक 1.98 लाख करोड़ रुपये तक जा पहुंची है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नवीनतम बुलेटिन में प्रकाशित एक लेख में यह आशंका जताई गई है। ''जोखिम में पूंजी प्रवाहः भारत का अनुभव'' शीर्षक लेख में कहा गया है कि कई तरह के आघातों से जुड़ी ''ब्लैक स्वान'' घटना में संभावित पूंजी निकासी जीडीपी के 7.7 प्रतिशत तक जा सकती है। इस तरह तरलता अधिशेष बनाए रखने की जरूरत पर बल दिया गया है ताकि भारी उठापटक का सामना किया जा सके।
एक ''ब्लैक स्वान'' घटना भारतीय इतिहास में अनुभव किए गए सभी प्रतिकूल झटकों के एक साथ घटित होने की स्थिति हो सकती है, जो किसी आर्थिक तूफान का सबब बन सकती है।
आरबीआई के इस लेख के मुताबिक, 1990 के दशक से ही उभरते बाजारों में आए संकटों और वैश्विक वित्तीय संकट से जुड़े अनुभवों के बाद पूंजी प्रवाह से जुड़े लाभों से हटकर ध्यान उनके परिणामों की ओर चला गया है। वित्तीय कमजोरियां बढ़ाने और व्यापक आर्थिक अस्थिरता को बढ़ावा देने जैसे दुष्परिणाम देखे गए हैं।
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल देवव्रत पात्रा ने हरेंद्र बेहरा और सीलू मुडुली के साथ मिलकर लिखे गए इस लेख में कहा, "भारत के लिए पूंजी प्रवाह वैश्विक स्तर पर जोखिम की धारणा में आने वाले बदलावों के लिहाज से सबसे संवेदनशील है।"
इस लेख के मुताबिक, "पूंजी प्रवाह के बारे में जोखिम वाला नजरिया लागू करने पर यह दिखाई देता है कि प्रतिकूल परिदृश्य में संभावित पूंजी निकासी औसतन जीडीपी का 3.2 प्रतिशत तक हो सकती है। ऐतिहासिक अनुभव से देखें तो हरेक झटके के जवाब में संभावित पोर्टफोलियो पूंजी निकासी जीडीपी के 2.6-3.6 प्रतिशत के दायरे में हो सकता है। इसका औसत जीडीपी का 3.2 प्रतिशत यानी एक वर्ष में 100.6 अरब डॉलर होगा।"
आरबीआई का लेख कहता है कि कोविड-19 के समय वास्तविक जीडीपी वृद्धि में आए संकुचन की स्थिति में भारत से 100 अरब डॉलर तक की पोर्टफोलियो निकासी की संभावना पांच प्रतिशत है।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने सिर्फ जून महीने में ही अब तक भारतीय बाजार से 31,430 करोड़ रुपये की निकासी कर ली है। इस तरह विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की इक्विटी बाजार से शुद्ध निकासी कैलेंडर वर्ष 2022 में अब तक 1.98 लाख करोड़ रुपये तक जा पहुंची है।
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