बीएमसी में वार्ड की संख्या बढ़ाने संबंधी अध्यादेश के खिलाफ भाजपा निगम पार्षदों की याचिका खारिज

punjabkesari.in Monday, Jan 17, 2022 - 06:50 PM (IST)

मुंबई, 17 जनवरी (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार को भाजपा के दो पार्षदों की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के वार्ड की संख्या 227 से बढ़ाकर 236 करने के महाराष्ट्र सरकार के 30 नवंबर के अध्यादेश को चुनौती दी गई थी।

न्यायमूर्ति ए. ए. सैयद और न्यायमूर्ति अभय आहूजा की खंडपीठ ने महाराष्ट्र शहरी विकास विभाग की अधिसूचना को चुनौती देने वाली भाजपा पार्षद अभिजीत सामंत और राजश्री शिरवाडकर की याचिका सभी पक्षों को सुनने के बाद खारिज कर दी।
याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता वीरेंद्र तुलजापुरकर ने दलील दी कि अध्यादेश अवैध और मनमाना है और एक खास राजनीतिक दल को लाभ पहुंचाने के लिए बीएमसी चुनावों से पहले जारी किया गया है।
महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी ने कहा कि उक्त परिवर्तन यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया है कि विभिन्न नगर निगमों और नगर परिषदों में सीटों की कुल संख्या संबंधित क्षेत्रों में जनसंख्या वृद्धि के अनुरूप हो।

याचिकाकर्ताओं ने, हालांकि, उच्च न्यायालय को बताया कि राज्य सरकार ने शहर में नगरपालिका वार्डों की संख्या बढ़ाने के लिए 2011 की जनगणना के आंकड़ों का इस्तेमाल किया था, जिसमें यह दिखाया गया है कि शहर की आबादी में महज 3.87 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार ने 2011 में भी कॉरपोरेटर की संख्या में वृद्धि नहीं की थी और 2001 से नगर निकाय की वर्तमान संरचना में भी कोई बदलाव नहीं किये गये हैं।

बीएमसी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल सखारे ने कहा कि वार्ड सीटों की संख्या में वृद्धि का उद्देश्य शहर में बड़ी आबादी के मुद्दों को बेहतर ढंग से प्रबंधित करना है।

अदालत ने तब याचिकाकर्ताओं से पूछा कि क्या वे बीएमसी चुनावों पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं, जिसका उन्होंने नकारात्मक जवाब दिया।

इसके बाद पीठ ने कहा, ‘‘हम याचिका खारिज कर रहे हैं और विस्तृत आदेश आज उचित समय पर उपलब्ध करा दिया जाएगा।’’

यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

सबसे ज्यादा पढ़े गए

PTI News Agency

Recommended News