छत्रपति शिवाजी की सोच भविष्योन्मुखी थी, उन्होंने भारत की पहली आधुनिक नौसेना बनाई :राष्ट्रपति कोविंद
punjabkesari.in Tuesday, Dec 07, 2021 - 09:37 AM (IST)
मुंबई, छह दिसंबर (भाषा) छत्रपति शिवाजी की सोच को भविष्योन्मुखी बताते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को कहा कि 17 वीं सदी के शासक ने अपनी मंत्रिपरिषद ‘अष्ट प्रधान’ के सहयोग से दूरगामी प्रभाव वाले कई निर्णय लिए। साथ ही, राष्ट्रपति ने देश की प्रथम नौसेना बनाने को लेकर मराठा साम्राज्य के संस्थापक की सराहना की।
राष्ट्रपति ने रोपवे से ऐतिहासिक रायगढ़ किले की यात्रा कर महाराष्ट्र के अपने चार दिवसीय दौरे की शुरूआत की। छत्रपति शिवाजी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि पहाड़ी किले की उनकी यात्रा उनके और सभी देशवासियों के लिए एक पवित्र तीर्थयात्रा की तरह है।
रायगढ़ किला, मुंबई से 168 किमी की दूरी पर स्थित है। इसे मराठा साम्राज्य की उस वक्त राजधानी बनाया गया गया था, जब 1674 में शासक के तौर पर शिवाजी का राज्याभिषेक किया गया था।
राष्ट्रपति ने कहा कि शिवाजी के नेतृत्व में समूचे क्षेत्र का गौरव बढ़ा और देशभक्ति की भावना का पुन: संचार हुआ।
उन्होंने उल्लेख किया कि शिवाजी के बारे में 19 वीं सदी की संस्कृत में लिखी पुस्तक शिवाजी विजय में विस्तृत रूप से चर्चा की गई है। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक का विभिन्न भाषाओं में अनुवाद कराया जा सकता है ताकि लोग, खासतौर पर युवा पीढ़ी महान शख्सियत और शिवाजी के अनूठे कार्य से अवगत हो सके।
राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘छत्रपति शिवाजी की सोच भविष्योनमुखी थी। उन्होंने अष्ट प्रधान नाम की अपनी मंत्रिपरिषद के सहयोग से दूरगामी प्रभाव वाले निर्णय लिए। ’’
राष्ट्रपति को उद्धृत करते हुए एक बयान में कहा गया, ‘‘छत्रपति शिवाजी ने भारत की प्रथम नौसेना बनाई। ’’ ऐतिहासिक किले पर राष्ट्रपति के हेलीकाप्टर से उतरने का कुछ समूहों द्वारा विरोध किये जाने के मद्देनजर वह रोपवे से पहाड़ी किले में पहुंचे। वह जगदीश्वर मंदिर और शिवाजी के समाधि स्थल पर भी गये।
रायगढ़ किले की यात्रा करने वाले कोविंद दूसरे राष्ट्रपति हैं। उनसे पहले 1985 में तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह ने रायगढ़ की यात्रा की थी।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
राष्ट्रपति ने रोपवे से ऐतिहासिक रायगढ़ किले की यात्रा कर महाराष्ट्र के अपने चार दिवसीय दौरे की शुरूआत की। छत्रपति शिवाजी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि पहाड़ी किले की उनकी यात्रा उनके और सभी देशवासियों के लिए एक पवित्र तीर्थयात्रा की तरह है।
रायगढ़ किला, मुंबई से 168 किमी की दूरी पर स्थित है। इसे मराठा साम्राज्य की उस वक्त राजधानी बनाया गया गया था, जब 1674 में शासक के तौर पर शिवाजी का राज्याभिषेक किया गया था।
राष्ट्रपति ने कहा कि शिवाजी के नेतृत्व में समूचे क्षेत्र का गौरव बढ़ा और देशभक्ति की भावना का पुन: संचार हुआ।
उन्होंने उल्लेख किया कि शिवाजी के बारे में 19 वीं सदी की संस्कृत में लिखी पुस्तक शिवाजी विजय में विस्तृत रूप से चर्चा की गई है। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक का विभिन्न भाषाओं में अनुवाद कराया जा सकता है ताकि लोग, खासतौर पर युवा पीढ़ी महान शख्सियत और शिवाजी के अनूठे कार्य से अवगत हो सके।
राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘छत्रपति शिवाजी की सोच भविष्योनमुखी थी। उन्होंने अष्ट प्रधान नाम की अपनी मंत्रिपरिषद के सहयोग से दूरगामी प्रभाव वाले निर्णय लिए। ’’
राष्ट्रपति को उद्धृत करते हुए एक बयान में कहा गया, ‘‘छत्रपति शिवाजी ने भारत की प्रथम नौसेना बनाई। ’’ ऐतिहासिक किले पर राष्ट्रपति के हेलीकाप्टर से उतरने का कुछ समूहों द्वारा विरोध किये जाने के मद्देनजर वह रोपवे से पहाड़ी किले में पहुंचे। वह जगदीश्वर मंदिर और शिवाजी के समाधि स्थल पर भी गये।
रायगढ़ किले की यात्रा करने वाले कोविंद दूसरे राष्ट्रपति हैं। उनसे पहले 1985 में तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह ने रायगढ़ की यात्रा की थी।
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