मुंबई पुलिस ने वाजे की सुरक्षा में लगी टीम के चार कर्मियों के बयान दर्ज किये
punjabkesari.in Tuesday, Nov 30, 2021 - 12:00 PM (IST)
मुंबई, 29 नवंबर (भाषा) मुंबई पुलिस ने सोमवार को उन चार कर्मियों के बयान दर्ज किए, जो बर्खास्त सहायक पुलिस निरीक्षक (एपीआई) सचिन वाजे को न्यायमूर्ति चांदीवाल आयोग के समक्ष सुनवाई के लिए ले गये। उस समय वह और मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह एक दूसरे से बात करने में सफल हो गये थे।
अधिकारियों ने कहा कि कोलाबा पुलिस ने कथित वाजे-सिंह भेंट की जांच के आदेश के बाद तीन कांस्टेबलों और एक अधिकारी के बयान दर्ज किए।
मुंबई पुलिस ने नवी मुंबई में अपने समकक्षों से यह भी जांच करने के लिए कहा कि दोनों एक-दूसरे से बात करने में कैसे कामयाब रहे और वह भी इतने लंबे समय तक।
सूत्रों ने कहा कि सिंह और वाजे एक दूसरे के साथ 30 मिनट से अधिक समय तक बात कर रहे थे, और राज्य के पूर्व गृह मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता अनिल देशमुख के वकील द्वारा न्यायमूर्ति चांदीवाल आयोग के समक्ष इस पर आपत्ति जताई गई थी।
आयोग के परिसर में एक अन्य कमरे में सिंह और वाजे के एक साथ बैठने पर देशमुख के वकील द्वारा आपत्ति जताए जाने के बाद, न्यायमूर्ति चांदीवाल (सेवानिवृत्त) ने शुरू में कहा, ‘‘इसे कैसे रोका जा सकता है?’’
बाद में उन्होंने वाजे से कहा कि ऐसी स्थिति से बचने के लिए ‘‘इस कमरे (जहां आयोग की कार्यवाही हो रही थी) में बैठना बेहतर है।’’
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
अधिकारियों ने कहा कि कोलाबा पुलिस ने कथित वाजे-सिंह भेंट की जांच के आदेश के बाद तीन कांस्टेबलों और एक अधिकारी के बयान दर्ज किए।
मुंबई पुलिस ने नवी मुंबई में अपने समकक्षों से यह भी जांच करने के लिए कहा कि दोनों एक-दूसरे से बात करने में कैसे कामयाब रहे और वह भी इतने लंबे समय तक।
सूत्रों ने कहा कि सिंह और वाजे एक दूसरे के साथ 30 मिनट से अधिक समय तक बात कर रहे थे, और राज्य के पूर्व गृह मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता अनिल देशमुख के वकील द्वारा न्यायमूर्ति चांदीवाल आयोग के समक्ष इस पर आपत्ति जताई गई थी।
आयोग के परिसर में एक अन्य कमरे में सिंह और वाजे के एक साथ बैठने पर देशमुख के वकील द्वारा आपत्ति जताए जाने के बाद, न्यायमूर्ति चांदीवाल (सेवानिवृत्त) ने शुरू में कहा, ‘‘इसे कैसे रोका जा सकता है?’’
बाद में उन्होंने वाजे से कहा कि ऐसी स्थिति से बचने के लिए ‘‘इस कमरे (जहां आयोग की कार्यवाही हो रही थी) में बैठना बेहतर है।’’
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