हैरानी की बात है कि परमबीर को जान पर खतरा महसूस होता है : महाराष्ट्र के गृह मंत्री
Thursday, Nov 25, 2021 - 03:23 PM (IST)
मुंबई, 25 नवंबर (भाषा) महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने बृहस्पतिवार को कहा कि उन्हें यह जानकार हैरानी हुई कि वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी परमबीर सिंह को अपनी जान पर खतरा महसूस होता है। सिंह मुंबई और ठाणे के पुलिस आयुक्त रह चुके हैं।
वलसे पाटिल ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘मुझे यह जानकर हैरानी हुई कि मुंबई और ठाणे के पुलिस आयुक्त के पद पर रहे व्यक्ति को अपनी जान पर खतरा महसूस होता है।’’
वह सिंह की उच्चतम न्यायालय में सोमवार को दायर उस याचिका पर प्रतिक्रिया दे रहे थे जिसमें उन्होंने कहा है कि वह इसलिए छिप रहे थे क्योंकि उनकी जान को खतरा है।
उच्चतम न्यायालय ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह को बड़ी राहत देते हुए उनके खिलाफ महाराष्ट्र में दर्ज आपराधिक मामलों में सोमवार को गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान किया। साथ ही न्यायालय ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि अगर पुलिस अधिकारियों और वसूली करने वालों के खिलाफ मामले दर्ज करने पर उन्हें तंग किया जा रहा है तो आम आदमी का क्या होगा।
सिंह बृहस्पतिवार को मुंबई पहुंचे। मुंबई की एक अदालत ने उन्हें भगोड़ा अपराधी घोषित किया है। शहर में पहुंचने पर उन्होंने कहा कि वह अदालत के निर्देश के अनुसार जांच में शामिल होंगे।
महाराष्ट्र में जबरन वसूली के कई मामलों का सामना कर रहे, भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी ने समाचार चैनलों को बुधवार को बताया था कि वह चंडीगढ़ में हैं।
सिंह मुंबई पुलिस आयुक्त पद से तबादले और महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देखमुख पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के बाद इस साल मई से काम पर नहीं आए।
उनका तबादला तब किया गया जब मुंबई पुलिस के अधिकारी सचिन वाजे को उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास ‘एंटीलिया’ के पास एक एसयूवी में विस्फोटक पदार्थ पाए जाने और इसके बाद कारोबारी मनसुख हिरेन की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले में गिरफ्तार किया गया।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
वलसे पाटिल ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘मुझे यह जानकर हैरानी हुई कि मुंबई और ठाणे के पुलिस आयुक्त के पद पर रहे व्यक्ति को अपनी जान पर खतरा महसूस होता है।’’
वह सिंह की उच्चतम न्यायालय में सोमवार को दायर उस याचिका पर प्रतिक्रिया दे रहे थे जिसमें उन्होंने कहा है कि वह इसलिए छिप रहे थे क्योंकि उनकी जान को खतरा है।
उच्चतम न्यायालय ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह को बड़ी राहत देते हुए उनके खिलाफ महाराष्ट्र में दर्ज आपराधिक मामलों में सोमवार को गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान किया। साथ ही न्यायालय ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि अगर पुलिस अधिकारियों और वसूली करने वालों के खिलाफ मामले दर्ज करने पर उन्हें तंग किया जा रहा है तो आम आदमी का क्या होगा।
सिंह बृहस्पतिवार को मुंबई पहुंचे। मुंबई की एक अदालत ने उन्हें भगोड़ा अपराधी घोषित किया है। शहर में पहुंचने पर उन्होंने कहा कि वह अदालत के निर्देश के अनुसार जांच में शामिल होंगे।
महाराष्ट्र में जबरन वसूली के कई मामलों का सामना कर रहे, भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी ने समाचार चैनलों को बुधवार को बताया था कि वह चंडीगढ़ में हैं।
सिंह मुंबई पुलिस आयुक्त पद से तबादले और महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देखमुख पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के बाद इस साल मई से काम पर नहीं आए।
उनका तबादला तब किया गया जब मुंबई पुलिस के अधिकारी सचिन वाजे को उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास ‘एंटीलिया’ के पास एक एसयूवी में विस्फोटक पदार्थ पाए जाने और इसके बाद कारोबारी मनसुख हिरेन की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले में गिरफ्तार किया गया।
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