सिख संगठन ने ‘अपमानजनक’ भाषा को लेकर कंगना के खिलाफ मुंबई में शिकायत की
Tuesday, Nov 23, 2021 - 08:52 AM (IST)
मुंबई, 22 नवंबर (भाषा) सिखों के एक संगठन ने बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग करते हुए सोमवार को मुंबई में एक शिकायत दर्ज कराई। इसमें आरोप लगाया गया है कि रनौत ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में सिख समुदाय के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया।
खार पुलिस थाना के एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति (डीएसजीएमसी) से एक शिकायत प्राप्त हुई और वह इसपर गौर कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के नेता एवं डीएसजीएमसी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने रनौत के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
अधिकारी ने शिकायत के हवाले से बताया कि इसमें, डीएसजीएमसी ने उल्लेख किया कि रनौत ने जानबूझकर और इरादतन किसानों के विरोध (किसान मोर्चा) को खालिस्तानी आंदोलन के रूप में चित्रित किया और सिख समुदाय को खालिस्तानी आतंकवादी भी करार दिया। इसमें दावा किया गया कि उन्होंने 1984 और उससे पहले हुए नरसंहार को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की ओर से एक सुनियोजित कदम के रूप में बताया।
अधिकारी ने कहा कि शिकायत में आरोप लगाया गया है कि रनौत ने सिख समुदाय के खिलाफ बहुत अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया है, यहां तक कि उन्होंने कहा है कि सिखों को उनके (इंदिरा गांधी के) जूतों के नीचे कुचल दिया गया था। इसमें यह भी कहा गया कि उनकी ओर से दिया गया यह बयान सबसे अपमानजनक, और तिरस्कारपूर्ण है, जिसने दुनिया भर में सिख समुदाय की भावनाओं को आहत किया है।
डीएसजीएमसी ने रनौत के खिलाफ धारा 295 (ए) और भारतीय दंड संहिता की अन्य सुसंगत धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है ताकि भविष्य में वह अपनी कुटिल और दुर्भावनापूर्ण दुष्प्रचार न फैला पाएं।
प्रतिनिधिमंडल ने अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (पश्चिम) संदीप कार्निक से भी मुलाकात की।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
खार पुलिस थाना के एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति (डीएसजीएमसी) से एक शिकायत प्राप्त हुई और वह इसपर गौर कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के नेता एवं डीएसजीएमसी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने रनौत के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
अधिकारी ने शिकायत के हवाले से बताया कि इसमें, डीएसजीएमसी ने उल्लेख किया कि रनौत ने जानबूझकर और इरादतन किसानों के विरोध (किसान मोर्चा) को खालिस्तानी आंदोलन के रूप में चित्रित किया और सिख समुदाय को खालिस्तानी आतंकवादी भी करार दिया। इसमें दावा किया गया कि उन्होंने 1984 और उससे पहले हुए नरसंहार को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की ओर से एक सुनियोजित कदम के रूप में बताया।
अधिकारी ने कहा कि शिकायत में आरोप लगाया गया है कि रनौत ने सिख समुदाय के खिलाफ बहुत अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया है, यहां तक कि उन्होंने कहा है कि सिखों को उनके (इंदिरा गांधी के) जूतों के नीचे कुचल दिया गया था। इसमें यह भी कहा गया कि उनकी ओर से दिया गया यह बयान सबसे अपमानजनक, और तिरस्कारपूर्ण है, जिसने दुनिया भर में सिख समुदाय की भावनाओं को आहत किया है।
डीएसजीएमसी ने रनौत के खिलाफ धारा 295 (ए) और भारतीय दंड संहिता की अन्य सुसंगत धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है ताकि भविष्य में वह अपनी कुटिल और दुर्भावनापूर्ण दुष्प्रचार न फैला पाएं।
प्रतिनिधिमंडल ने अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (पश्चिम) संदीप कार्निक से भी मुलाकात की।
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