जलवायु परिवर्तन की गंभीरता को समझने वाले पहले मुख्यमंत्री थे नरेंद्र मोदी: अमित शाह

punjabkesari.in Saturday, Sep 18, 2021 - 09:12 AM (IST)

मुंबई, 17 सितंबर (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि नरेंद्र मोदी देश में ऐसे पहले मुख्यमंत्री थे, जिन्होंने जलवायु परिवर्तन की गंभीरता को समझा और इसके लिए उन्होंने गुजरात में अलग से एक मंत्रालय बनाया था।

उन्होंने यह भी कहा कि सीआरपीएफ के बिना देश की आंतरिक सुरक्षा की कल्पना भी नहीं की जा सकती है, जिसके 2,000 से अधिक जवानों ने देश के लिए अब तक अपना बलिदान दिया है।

शाह महाराष्ट्र में नांदेड़ जिले के मुदखेड़ में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के प्रशिक्षण मैदान में पौधारोपण करने के बाद बोल रहे थे। शाह द्वारा पौधारोपण किए जाने के साथ ही इस सुरक्षा एजेंसी ने देश में एक करोड़ पौधे रोपने का लक्ष्य प्राप्त कर लिया।

गृह मंत्री ने कहा, ‘‘जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तो उन्होंने सबसे पहले जलवायु परिवर्तन की गंभीरता को समझा और इसका संस्थागत प्रबंधन सुनिश्चित किया। कई मुख्यमंत्री सड़कों के निर्माण, शिक्षा सुविधाओं और पेयजल योजनाओं को सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं, लेकिन मोदी ने जलवायु परिवर्तन और पौधे लगाने पर भी काम किया।’’
शाह ने कहा, ‘‘यदि हमें प्रकृति और कार्बन उत्सर्जन के बीच संतुलन रखना है तो पौधारोपण ही इसका एकमात्र उपाय है। मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने पहली बार जलवायु परिवर्तन को लेकर अलग से एक मंत्रालय बनाया था।’’
वैश्विक तापमान में वृद्धि और जलवायु परिवर्तन को शत्रु बताते हुए शाह ने कहा, ‘‘हमें पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करनी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सीआरपीएफ के 2,000 से अधिक जवानों ने अपने जीवन का बलिदान दिया है और देश को सुरक्षित रखा है। जब कोई विकल्प नहीं था तो सीआरपीएफ ने भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की रक्षा की। बाद में, इसकी भूमिका बदल गई और इसने आंतरिक सुरक्षा, दंगों, पूर्वोत्तर तथा कश्मीर की स्थिति से निपटने में भूमिका निभाई है। सीआरपीएफ ने इन सभी भूमिकाओं को अच्छी तरह अंजाम दिया है।’’
गृह मंत्री ने बल की उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि 3.25 लाख कर्मियों का यह बल सभी उम्मीदों पर खरा उतरा है। उन्होंने कहा, ‘‘सीआरपीएफ के बिना, देश की आंतरिक सुरक्षा असंभव है।’’
शाह ने कहा कि सीआरपीएफ ने देश के 170 जिलों में एक करोड़ पौधे लगाए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार पौधे रोप सकती है, लेकिन इनकी रक्षा सीआरपीएफ को करनी है। मैं सीआरपीएफ के हर जवान से अनुरोध करता हूं कि वे एक पौधे से अपना जुड़ाव रखें।’’
उन्होंने कहा, ‘‘किसी पेड़ से जुड़ना आपको संतोष प्रदान करेगा। इस अभियान के तहत लगाए जा रहे पेड़ों की आयु 100 साल से अधिक है।’’
शाह ने कहा कि सीआरपीएफ ने मोदी के जन्मदिवस, जो कि मराठवाड़ा मुक्ति संग्राम दिवस भी है, पर एक करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य हासिल किया है। उन्होंने इस अवसर पर देश के पहले गृह मंत्री सरदार पटेल और मराठवाड़ा मुक्ति संग्राम अभियान के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

उन्होंने मराठवाड़ा मुक्ति संग्राम दिवस पर मराठवाड़ा और तेलंगाना के लोगों को बधाई देते हुए कहा, ‘‘इस क्षेत्र को क्रूर निजाम के शासन से स्वतंत्रता मिली और यह पुलिस कार्रवाई तथा सरदार वल्लभभाई पटेल द्वारा चलाए गए ऑपरेशन पोलो के बाद भारत में शामिल हुआ। स्वामी रामानंद तीर्थ, गोविंदभाई श्रॉफ, दिंगबरराव बिन्दू और अन्य ने इस क्षेत्र की स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी।’’
‘ऑपरेशन पोलो’ स्वतंत्र भारत द्वारा हैदराबाद रियासत के खिलाफ सितंबर 1948 में शुरू की गई ‘‘पुलिस कार्रवाई’’ का कूट नाम था। यह सैन्य कार्रवाई थी, जिसमें भारतीय सशस्त्र बलों ने निजाम शासित रियासत पर हमला कर इसे भारत संघ में मिला लिया था।



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