महाराष्ट्र सरकार कर लगाने के राज्य के अधिकारों में किसी तरह के अतिक्रमण के खिलाफ: अजीत पवार

Friday, Sep 17, 2021 - 10:34 AM (IST)

मुंबई, 16 सितंबर (भाषा) महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री अजीत पवार ने बृहस्पतिवार को कहा कि राज्य सरकार कर लगाने के राज्य के अधिकारों का अतिक्रमण करने की दिशा में उठाये जाने वाले किसी भी कदम के खिलाफ है और शुक्रवार को माल एवं सेवा (जीएसटी) परिषद की बैठक में अपना यह विचार रखेगी।

वह जीएसटी परिषद की शुक्रवार को लखनऊ में होने वाली बैठक में पेट्रोल, डीजल और अन्य पेट्रोलियम उत्पादों को माल एवं सेवा कर के दायरे में लाने पर विचार किये जाने से जुड़े सवालों का जवाब दे रहे थे। इसके लिये केंद्र तथा राज्य सरकार दोनों को इन उत्पादों पर लगने वाले कर से मिलने वाले राजस्व के मामले में बड़ा समझौता करना होगा।
महाराष्ट्र के वित्त मंत्रालय की भी जिम्मेदारी संभाल रहे पवार ने संवाददाताओं से कहा कि केंद्र कर लगाने के लिए स्वतंत्र है, लेकिन जो राज्य के अधिकार क्षेत्र में है, उसमें अतिक्रमण नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर ऐसा करने का कोई कदम होता है, तो राज्य सरकार जीएसटी परिषद की शुक्रवार को होने वाली बैठक में अपना विचार रखेगी।’’
पवार ने कहा कि केंद्र सरकार को ‘एक राष्ट्र एक कर’ के लिये वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कानून लागू करते समय संसद में किए गए सभी वादों का पालन करना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें जीएसटी रिफंड के अपने हिस्से के 30,000 से 32,000 करोड़ रुपये रुपये अभी तक नहीं मिले हैं। एक्साइज और स्टांप शुल्क के अलावा, राज्य सरकार के लिए राजस्व का सबसे बड़ा स्रोत जीएसटी है। इस सप्ताह की शुरुआत में नीति आयोग के सदस्यों के साथ बातचीत के दौरान महाराष्ट्रीय सरकार ने वित्तीय मोर्चे पर राज्य की स्थिति को रखा था।’’

यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

PTI News Agency

Advertising