फरहान अख्तर ने की मुक्केबाज सतीश कुमार की तारीफ
punjabkesari.in Monday, Aug 02, 2021 - 12:36 PM (IST)
मुंबई, दो अगस्त (भाषा) अभिनेता फरहान अख्तर ने तोक्यो ओलंपिक में मुक्केबाज सतीश कुमार के शानदार प्रदर्शन के लिए सोमवार को उनकी तारीफ की। कुमार ने माथे और ठुड्डी पर कई टांके लगने के बावजूद मौजूदा विश्व चैंपियन बखोदिर जलोलोव से मुकाबला किया।
कुमार को प्री-क्वार्टर फाइनल के दौरान माथे और ठुड्डी पर दो गहरे कट लगे थे। उन्होंने अपना अगला मुकाबला उज्बेक सुपरस्टार जलोलोव के खिलाफ लड़ने का फैसला किया। 32 वर्षीय भारतीय मुक्केबाज चेहरे पर 13 टांके लगने के बावजूद रिंग में उतरे थे, हालांकि रविवार को ओलंपिक खेल के क्वार्टरफाइनल से वह बाहर हो गए।
अख्तर ने अपनी हालिया फिल्म ‘तूफान’ में एक मुक्केबाज की भूमिका निभाई है। उन्होंने कुमार के असाधारण प्रदर्शन की ट्विटर पर सराहना की। अख्तर ने ट्वीट किया, ‘‘मुक्केबाज सतीश कुमार की जोर शोर से हौसला अफजाई करें, उन्होंने दुनिया को दिखाया कि सच्चे प्रतियोगी किस चीज से बनते हैं। आप पर गर्व है भाई।’’
कुमार दो बार के एशियाई खेलों के कांस्य पदक विजेता और कई बार के राष्ट्रीय चैंपियन रहे हैं। उन्होंने ओलंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई कर इतिहास रच दिया। यह उपलब्धि हासिल करने वाले वह भारत के पहले सुपर हैवीवेट थे। फुटबॉलर से बॉक्सर बने 27 वर्षीय जलोलोव ने प्रतिस्पर्धा के अंत में प्रशंसा में सिर हिलाकर अपने प्रतिद्वंद्वी की बहादुरी को स्वीकार किया। जलोलोव ने अपने पहले ओलंपिक खेलों में पदक हासिल किया है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
कुमार को प्री-क्वार्टर फाइनल के दौरान माथे और ठुड्डी पर दो गहरे कट लगे थे। उन्होंने अपना अगला मुकाबला उज्बेक सुपरस्टार जलोलोव के खिलाफ लड़ने का फैसला किया। 32 वर्षीय भारतीय मुक्केबाज चेहरे पर 13 टांके लगने के बावजूद रिंग में उतरे थे, हालांकि रविवार को ओलंपिक खेल के क्वार्टरफाइनल से वह बाहर हो गए।
अख्तर ने अपनी हालिया फिल्म ‘तूफान’ में एक मुक्केबाज की भूमिका निभाई है। उन्होंने कुमार के असाधारण प्रदर्शन की ट्विटर पर सराहना की। अख्तर ने ट्वीट किया, ‘‘मुक्केबाज सतीश कुमार की जोर शोर से हौसला अफजाई करें, उन्होंने दुनिया को दिखाया कि सच्चे प्रतियोगी किस चीज से बनते हैं। आप पर गर्व है भाई।’’
कुमार दो बार के एशियाई खेलों के कांस्य पदक विजेता और कई बार के राष्ट्रीय चैंपियन रहे हैं। उन्होंने ओलंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई कर इतिहास रच दिया। यह उपलब्धि हासिल करने वाले वह भारत के पहले सुपर हैवीवेट थे। फुटबॉलर से बॉक्सर बने 27 वर्षीय जलोलोव ने प्रतिस्पर्धा के अंत में प्रशंसा में सिर हिलाकर अपने प्रतिद्वंद्वी की बहादुरी को स्वीकार किया। जलोलोव ने अपने पहले ओलंपिक खेलों में पदक हासिल किया है।
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