इस साल मार्च तिमाही में एमएसएमई क्षेत्र में फंसा कर्ज बढ़कर 12.6 प्रतिशत पहुंचा: रिपोर्ट
Wednesday, Jul 28, 2021 - 11:48 PM (IST)
मुंबई, 28 जुलाई (भाषा) सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) में गैर-निïष्पादित परिसंपत्ति यानी फंसा मार्च तिमाही में बढ़कर 12.6 प्रतिशत हो गया। इससे पूर्व दिसंबर तिमाही के अंत में यह 12 प्रतिशत था। बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में यह कहा गया।
सार्वजनिक क्षेत्र की सिडबी (भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक) और कर्ज से जुड़ी सूचना देने वाली कंपनी ट्रांसयूनियन सिबिल की रिपोर्ट में कहा गया है कि एमएसएमई क्षेत्र में कर्ज के मामले में दबाव पाया गया है। एक साल पहले की तुलना में परिणाम मिले-जुले हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि एमएसएमई क्षेत्र में कर्ज की मांग बढ़ी है। इसका श्रेण आपातकालीन ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) जैसी योजनाओं को को जाता है। महामारी से प्रभावित वित्त वर्ष 2020-21 में एमसएएमई को 9.5 लाख करोड़ रुपये के कर्ज दिये दिये गये जो एक साल पहले 6.8 लाख करोड़ रुपये था।
इसमें कहा गया है कि कर्ज बढ़ने से एक साल पहले के 12.5 प्रतिशत के मुकाबले एनपीए स्तर स्थिर हुआ है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
सार्वजनिक क्षेत्र की सिडबी (भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक) और कर्ज से जुड़ी सूचना देने वाली कंपनी ट्रांसयूनियन सिबिल की रिपोर्ट में कहा गया है कि एमएसएमई क्षेत्र में कर्ज के मामले में दबाव पाया गया है। एक साल पहले की तुलना में परिणाम मिले-जुले हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि एमएसएमई क्षेत्र में कर्ज की मांग बढ़ी है। इसका श्रेण आपातकालीन ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) जैसी योजनाओं को को जाता है। महामारी से प्रभावित वित्त वर्ष 2020-21 में एमसएएमई को 9.5 लाख करोड़ रुपये के कर्ज दिये दिये गये जो एक साल पहले 6.8 लाख करोड़ रुपये था।
इसमें कहा गया है कि कर्ज बढ़ने से एक साल पहले के 12.5 प्रतिशत के मुकाबले एनपीए स्तर स्थिर हुआ है।
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