शेयरों में एफपीआई का प्रवाह 36 अरब डॉलर पर, 2012-13 के बाद सबसे अधिक:: रिपोर्ट
Sunday, Mar 21, 2021 - 06:25 PM (IST)
मुंबई, 21 मार्च (भाषा) विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) का भारतीय शेयरों में निवेश चालू वित्त वर्ष में 10 मार्च तक 36 अरब डॉलर के रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंच गया है। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार यह वित्त वर्ष 2012-13 से शेयरों में एफपीआई का सबसे ऊंचा निवेश है।
वहीं दूसरी ओर शुद्ध प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) जनवरी के अंत तक बढ़कर 44 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। एक साल पहले यह 36.3 अरब डॉलर पर था। नवंबर और दिसंबर में जबर्दस्त प्रवाह से एफडीआई बढ़ा है। दिसंबर में एफडीआई रिकॉर्ड 6.3 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंचा था।
रिजर्व बैंक के मार्च के बुलेटिन के अनुसार शेयरों में निवेश घटने की वजह से जनवरी में एफडीआई प्रवाह नीचे आया है।
बुलेटिन में कहा गया है, ‘‘एफपीआई ने चालू वित्त वर्ष में इक्विटी खंड में शुद्ध लिवाली की है। वहीं इस अवधि के दौरान ऋण या बांड बाजार में वे शुद्ध बिकवाल रहे है। कुल मिलाकर चालू वित्त वर्ष में 10 मार्च तक एफपीआई ने शेयरों में शुद्ध रूप से 36 अरब डॉलर डाले हैं।’’
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस अवधि में एफपीआई के निवेश की गुणवत्ता सुधरी है। फरवरी के अंत तक श्रेणी-एक के विदेशी निवेशकों मसलन केंद्रीय बैंक, सॉवरेन संपदा कोष, पेंशन कोष, नियमन वाली इकाइयां, बहुपक्षीय संगठनों का कुल इक्विटी परिसंपत्तियों में हिस्सा बढ़कर 95 प्रतिशत के उच्चस्तर पर पहुंच गया। दिसंबर, 2019 के अंत तक यह 87 प्रतिशत पर था।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
वहीं दूसरी ओर शुद्ध प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) जनवरी के अंत तक बढ़कर 44 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। एक साल पहले यह 36.3 अरब डॉलर पर था। नवंबर और दिसंबर में जबर्दस्त प्रवाह से एफडीआई बढ़ा है। दिसंबर में एफडीआई रिकॉर्ड 6.3 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंचा था।
रिजर्व बैंक के मार्च के बुलेटिन के अनुसार शेयरों में निवेश घटने की वजह से जनवरी में एफडीआई प्रवाह नीचे आया है।
बुलेटिन में कहा गया है, ‘‘एफपीआई ने चालू वित्त वर्ष में इक्विटी खंड में शुद्ध लिवाली की है। वहीं इस अवधि के दौरान ऋण या बांड बाजार में वे शुद्ध बिकवाल रहे है। कुल मिलाकर चालू वित्त वर्ष में 10 मार्च तक एफपीआई ने शेयरों में शुद्ध रूप से 36 अरब डॉलर डाले हैं।’’
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस अवधि में एफपीआई के निवेश की गुणवत्ता सुधरी है। फरवरी के अंत तक श्रेणी-एक के विदेशी निवेशकों मसलन केंद्रीय बैंक, सॉवरेन संपदा कोष, पेंशन कोष, नियमन वाली इकाइयां, बहुपक्षीय संगठनों का कुल इक्विटी परिसंपत्तियों में हिस्सा बढ़कर 95 प्रतिशत के उच्चस्तर पर पहुंच गया। दिसंबर, 2019 के अंत तक यह 87 प्रतिशत पर था।
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