जेट एयरवेज को फिर से उड़ाना आसान नहीं होगा: विशेषज्ञ

Sunday, Oct 18, 2020 - 09:16 PM (IST)

मुंबई, 18 अक्टूबर (भाषा) विमानन सेवा बाजार के विशेषज्ञों का मानना है कि जेट एयरवेज के फिर से खड़ा करने के लिए नए निवेशकों की योजना को ऋणदाताओं की मंजूरी मिल गयी है, लेकिन वित्तीय बोझ से बैठ चुकी निजी क्षेत्र की इस एयरलाइन दोबारा उड़ाना आसान नहीं है।

दिवाला संहिता के तहत राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की कार्यवाही में जेट एयर को ऋण देने वाले बैंकों/वित्तीय संस्थानों की समिति ने कालरॉक कैपिटल-मुरारी लाल जलान के गठबंधन की ओर इस एयरलाइन को खरीदने के लिए प्रस्तुत योजना को मंजूरी दे दी है।

विमान उद्योग पर अनुसंधान एवं परामर्श सेवाएं देने वाली कंपनी सीएपीए इंडिया के प्रमुख कपिल कौल ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘परिचालन को बहाल करने का रास्ता कठिन और अनिश्चित है।’
उन्होंने कहा कि जेट के कर्जदारों ने जो शर्तें मंजूर की हैं, वह सीएपीए को समझ में नहीं आतीं।

अभी यह योजना एनसीएलटी की मंजूरी के लिए रखी जानी है।

जेट के बेड़े में एक समय 120 विमान थे, जो इसके बंद होने के समय सिर्फ 16 रह गए थे।

मार्च 2019 को खत्म हुए वित्त वर्ष में जेय एयरवेज का घाटा 5,535.75 करोड़ रुपये था।


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PTI News Agency

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