रत्न एवं आभूषण उद्योग ने चुनौतीपूर्ण समय में जुझारू क्षमता दिखाई : गोयल

Monday, Oct 12, 2020 - 03:04 PM (IST)

मुंबई, 12 अक्टूबर (भाषा) केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारतीय रत्न एवं आभूषण उद्योग ने इस चुनौतीपूर्ण समय में काफी जुझारू क्षमता दिखाई है।
गोयल ने सोमवार को कहा कि चुनौतीपूर्ण समय में देश के रत्न एवं आभूषण उद्योग ने प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर भारत अंतरराष्ट्रीय आभूषण प्रदर्शनी (आईआईजेएस) के वर्चुअल मंच पर वैश्विक खरीदारों को मूलभूत तरीके से तैयार आभूषण दिखाए हैं।
गोयल ने रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्द्धन परिषद (जीजेईपीसी) द्वारा आयोजित पांच दिन के आईआईजेएस वर्चुअल के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘दुनियाभर के ग्राहकों तक पहुंचने की प्रौद्योगिकी से भारतीय उद्योग के जुझारूपन का पता चलता है। इससे सरकार की ग्राहकों तक पहुंचने की मंशा का भी पता चलता है। विशेषरूप से यह देखते हुए कि देश-दुनिया में त्योहार का समय अब नजदीक है।’’
उन्होंने कहा कि उद्योग ने एक बार फिर दुनिया को यह साबित किया है कि जब परिस्थितियां प्रतिकूल होती हैं, तो उसका प्रदर्शन और बेहतर रहता है।
गोयल ने कहा, ‘‘इससे दुनिया को यह पता चलेगा कि हम भरोसेमंद भागीदार और भरोसेमंद आपूर्तिकर्ता हैं। आप हमारे साथ भागीदारी कर लाभ ले सकते हैं। हमारे पास प्रतिकूल परिस्थितियों से लड़ने की क्षमता है।’’
इस मौके पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी मौजूद थे। उन्होंने मुंबई को आभूषण एवं हीरों का व्यापार केंद्र बनाने के लिए रत्न तथा आभूषण उद्योग को समर्थन का भरोसा दिलाया।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘आभूषण सिर्फ फैशन नहीं, हमारी संस्कृति और परंपरा भी हैं। इस मौके पर मैं उद्योग को हमारे साथ मिलकर राज्य को वैश्विक आभूषण और हीरा व्यापार केंद्र बनाने के लिए काम करने को आमंत्रित करता हूं।’’
ठाकरे ने कहा कि उनकी सरकार उद्योग के साथ हाथ मिलाकर मुंबई में आभूषण डिजाइनिंग और व्यापार संस्थान बनाना चाहती है।
ठाकरे ने कहा, ‘‘हम एक आभूषण पार्क बना रहे हैं, लेकिन हम संस्थान के विस्तार के लिए और संभावनाओं पर विचार को तैयार हैं। सरकार इसमें पूरा सहयोग देगी। लेकिन इसके लिए मेरी एक शर्त है। इससे महाराष्ट्र के लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होने चाहिए।’’
जीजेईपीसी के चेयरमैन कोलिन शाह ने कहा कि सरकार के दिशानिर्देशों के अनुरूप सभी सुरक्षा उपायों के साथ अब विनिर्माण गतिविधियां महामारी से पूर्व के 89 प्रतिशत पर पहुंच गई हैं।
शाह ने कहा, ‘‘हमें पूरी उम्मीद है कि तीसरी और चौथी तिमाही से अमेरिका, हांगकांग, पश्चिम एशिया तथा अन्य एशियाई देशों से ऑर्डर मिलने लगेंगे। हम धीरे-धीरे लेकिन निश्चित रूप से कोविड-19 से पूर्व के स्तर पर पहुंचेंगे।


यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

PTI News Agency

Advertising