कमजोर मांग से सूत काताई मिलों की आय गिर सकती है एक तिहाई: क्रिसिल

punjabkesari.in Wednesday, Aug 26, 2020 - 07:41 PM (IST)

मुंबई, 26 अगस्त (भाषा) क्रिसिल रिसर्च के अनुसार कोविड-19 महामारी के बाद कमजोर घरेलू एवं निर्यात मांग के कारण चालू वित्तवर्ष के दौरान कपास कताई मिलों की आय में 30-35 प्रतिशत की गिरावट आने की संभावना है। ऐसा हुआतो यह छह साल का न्यूनतम स्तर होगा।

क्रिसिल रिसर्च ने एक रिपोर्ट में कहा है कि राजस्व हानि के साथ साथ स्टॉक की हानि तथा लाभ का मार्जिन कम होने की वजह से चालू वित्तवर्ष में कपास कताई मिलों के ऋण चुकाने की क्षमता (क्रेडिट क्वॉलिटी) के प्रभावित होने के आसार हैं।

इसमें कहा गया है, ‘‘कपास स्पिनरों को राजस्व में भारी कमी और स्टॉक की वजह से घाटे की दोहरी मार का सामना करना पड़ रहा है। घरेलू उद्योग का राजस्व, जो पिछले वित्तवर्ष में घट गया था, उसमें फिर से गिरावट आने की और फिसलकर छह साल के निचले स्तर को छूने की संभावना है।’’
क्रिसिल रिसर्च के निदेशक हेतल गांधी ने कहा, ‘‘इसके अलावा, स्टॉक से होने वाले घाटे के बढ़ने की संभावना प्रबल है क्योंकि कपास की कीमतें चालू वित्तवर्ष की पहली तिमाही में इससे पिछली तिमाही से 10-15 फीसदी घट गईं।’’
कॉटन यार्न की घरेलू मांग, जो समग्र मांग का 70 प्रतिशत से अधिक हिस्सा है, रेडीमेड कपड़ों (आरएमजी) और घरेलू वस्त्रों जैसे अंतिम उपयोगकर्ता खंड की मांग सुस्त होने के कारण, प्रभावित हुई है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि इसी तरह चीन और बांग्लादेश से कम ऑर्डर मिलने के कारण सूती धागे का निर्यात प्रभावित हुआ है। भारत का लगभग 50 प्रतिशत का निर्यात इन देशों में रहता है।

पिछले वित्त वर्ष में निर्यात एक तिहाई घटा था। चीन, अन्य देशों से- मुख्य रूप से वियतनाम से,खरीद बढ़ा रहा है।

कोविड-19 की वजह से कपास यार्न के उठाव में गिरावट फरवरी 2020 से शुरु हुई है ।

कुल मिलाकर, क्रिसिल रिसर्च का अनुमान है कि सूत कताई मिलों कर ऋण चुकाने की क्षमता चालू वित्तवर्ष में नकारात्मक रूप से प्रभावित रहेगी।



यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

सबसे ज्यादा पढ़े गए

Edited By

PTI News Agency

Recommended News

Related News