नाइक ने सरकार से कहा: निर्णय जल्द लें पर चीन विरोधी लहर में बहकर त्वरित प्रतिक्रिया से बचें

Thursday, Aug 13, 2020 - 11:39 PM (IST)

मुंबई, 13 अगस्त (भाषा) निर्माण क्षेत्र की कंपनी लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) के चेयरमैन ए एम नाइक ने कोविड-19 महामारी से अर्थव्यवस्था को उबारने में मदद करने के लिये सरकार से शीघ्रता से निर्णय लेने का आग्रह किया और तत्काल भूमि व श्रम सुधार की जरूरत पर बल दिया।

नाइक ने कंपनी की 75वीं वार्षिक आम बैठक में कहा कि भारत समेत दुनिया भर में चीन विरोधी भावना घरेलू उद्योग के लिये परिस्थितियां बदलने वाला साबित हो सकता है, लेकिन इस भावना की लहर में बहकर निर्णय लेने के बजाय दीर्घकालिक रणनीति को ध्यान में रखा जाना चाहिये।

नाइक की यह टिप्पणी ऐसे समय में आयी है, जब सरकार कोविड-19 महामारी के बाद आर्थिक गिरावट को थामने और अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के विभिन्न तरीकों को लागू करने के मौके देख रही है। वित्त वर्ष 2020-21 में देश की अर्थव्यवस्था के आकार में 9.5 प्रतिशत तक की गिरावट आने के अनुमान हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘यह आवश्यक है कि वृद्धि को सक्षम बनाने योग्य पारिस्थितिकी तंत्र बनाया गया है। भूमि अधिग्रहण और श्रम सहित कई क्षेत्रों में सुधारों की तत्काल आवश्यकता है। वित्तीय प्रणाली पर भी ध्यान देने की तत्काल आवश्यकता है।’’
उन्होंने कहा कि दुनिया भर में चीन विरोधी भावना घरेलू उद्योग की मदद करेगी, लेकिन एक स्पष्ट रणनीति की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, "इन रुझानों का लाभ उठाने और उत्पादक उद्देश्यों के लिये उनका उपयोग करने के लिये हमें लहर में बहकर प्रतिक्रिया देने के बजाय एक समयबद्ध योजना के साथ दीर्घकालिक रणनीति तैयार करने की जरूरत है।"
नाइक ने ''मेक इन इंडिया'' पहल के बाद आत्मनिर्भर भारत के सरकार के आह्वान को "अगला तार्किक कदम" बताया। उन्होंने कहा कि एलएंडटी रक्षा, परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष अनुसंधान, बिजली और बुनियादी ढांचे जैसे प्रमुख क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता पर काम कर रही है। नाइक ने कहा, "यह सरकार और उद्योग के लिये एक साथ काम करने और राष्ट्रीय हितों को आगे बढ़ाने का उपयुक्त अवसर है।"
कंपनी ने पीएम-केयर्स कोष में 150 करोड़ रुपये का योगदान दिया है, जिसमें कर्मचारियों से जुटाये गये 19 करोड़ रुपये भी शामिल हैं। नाइक ने कहा कि 40 करोड़ रुपये के चिकित्सा और व्यक्तिगत सुरक्षा परिधाान (पीपीई) भी कंपनी द्वारा दान किये गये हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार और देश कई मोर्चों पर चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने विस्तार देते हुए कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने और पुनर्जीवित करने की कोशिश करते हुए एक वैश्विक महामारी से जूझ रही है। इसके अलावा देश सीमा पर तनाव से भी जूझ रहा है।



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PTI News Agency

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