नियत प्रक्रिया के बाद ही सैनिटरी पैड्स को आवश्यक वस्तु घोषित किया जा सकता है’ : केंद्र सरकार

Wednesday, Jul 01, 2020 - 04:58 PM (IST)

मुंबई, एक जुलाई (भाषा) केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने बंबई उच्च न्यायालय को बताया कि सैनिटरी नैपकिन को आवश्यक वस्तु घोषित करने का फैसला नियत प्रक्रिया का पालन करने और बाजार के मौजूदा परिदृश्य तथा मांग एवं आपूर्ति के अंतर को समझने के बाद ही लिया जा सकता है।

केंद्र सरकार ने एक याचिका के जवाब में उच्च न्यायालय में हलफनामा दायर किया। याचिका में सरकार को सैनिटरी नैपकिन को आवश्यक वस्तु घोषित करने और कोविड-19 वैश्विक महामारी के बीच अन्य आवश्यक सामान के साथ ही उन्हें गरीब तथा जरूरतमंद महिलाओं को मुहैया कराने के निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।

कानून की दो छात्राओं निकिता गोरे और वैष्णवी घोलवे की याचिका में आरोप लगाया गया कि केंद्र और राज्य सरकार माहवारी स्वच्छता संबंधी प्रभावी कदमों को लागू नहीं कर रही है जिससे महिलाओं खासतौर से किशोरियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे में कहा कि सैनिटरी नैपकिन को आवश्यक वस्तु की सूची में शामिल करने का फैसला बाजार के मौजूदा परिदृश्य, मांग एवं आपूर्ति के अंतर को समझने के बाद तथा ब्रांड के विभिन्न विकल्पों, गुणवत्ता, कीमत और लाभार्थियों की प्राथमिकताओं को ध्यान में रखकर ही लिया जा सकता है।
हलफनामे में कहा गया है, ‘‘सभी पक्षकारों के साथ उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के तहत परामर्शक प्रक्रिया के बाद ही यह फैसला लिया जा सकता है।’’
मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता के नेतृत्व वाली खंडपीठ अगले हफ्ते इस याचिका पर सुनवाई कर सकती है।



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PTI News Agency

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