अदालत ने याचिकाकर्ता से अच्छी मंशा साबित करने के लिये 1 करोड़ रुपये जमा कराने को कहा

Tuesday, May 26, 2020 - 08:51 PM (IST)

मुंबई, 26 मई (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने मंगलवार को एक ‘थिंक टैंक’ के संस्थापक को निर्देश दिया की कोरोना वायरस महामारी के बीच यहां ट्रस्ट द्वारा संचालित दो अस्पतालों के अधिग्रहण से जुड़ी उसकी जनहित याचिका पर सुनवाई से पहले अपनी ईमानदार मंशा को साबित करने के लिये वह एक करोड़ रुपये जमा कराए।

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति के के तातेड एक गैर पंजीकृत “थिंक टैंक” ‘अभिनव भारत कांग्रेस’ और उसके संस्थापक पंकज फडणीस द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहे थे।

याचिका में मांग की गई थी कि महाराष्ट्र सरकार और बृह्न्मुंबई महानगरपालिका मध्य मुंबई में बाई जेरबाई वाडिया बाल अस्पताल और नौरोजी वाडिया प्रसूति अस्पताल को कोविड-19 और अन्य मरीजों को समायोजित करने के लिये अधिग्रहित करें।

दोनों अस्पतालों के साथ ही बीएमसी ने भी इस याचिका का विरोध करते हुए दावा किया था कि फडणीस वाडिया परिवार का पूर्व कर्मचारी है और वह अपने व्यक्तिगत कारणों से ऐसा करने की कोशिश कर रहा है।


अदालत ने कहा, “पहली नजर में, हमारा मानना है कि यह याचिका जनहित में नहीं बल्कि अनुचित मंशा से दायर की गई होगी और फडणीस के इरादे संदिग्ध हैं।”

न्यायाधीशों ने फडणीस से कहा कि अगर वह चाहता है कि उसकी याचिका पर अदालत सुनवाई करे तो एक हफ्ते के अंदर एक करोड़ रुपये की जमानत राशि जमा करे।


अदालत ने कहा कि जमानत की रकम जमा नहीं किया जाने पर याचिका खारिज समझी जाएगी।

यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

PTI News Agency

Advertising