केंद्र का कर्ज 24.3 प्रतिशत, राज्यों का 32.4 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान

Friday, Apr 03, 2020 - 09:19 PM (IST)

मुंबई, तीन अप्रैल (भाषा) राजस्व संग्रह कम होने तथा व्यय बढ़ते जाने से 2019-20 में साल भर पहले की तुलना में केंद्र सरकार का बाजार से उठाया गया कर्ज इससे पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 24.3 प्रतिशत और राज्यों का कर्ज 32.4 प्रतिशत बढ़ सकता है। केयर रेटिंग्स ने यह अनुमान व्यक्त किया है।

वित्त वर्ष 2019-20 में फरवरी के अंत तक केंद्र सरकार की प्राप्तियां सालाना आधार पर महज 6.8 प्रतिशत बढ़ी थीं जबकि व्यय 12.6 प्रतिशत बढ गया था। इससे राजकोषीय घाटा संशोधित अनुमानों के 135.2 प्रतिशत के बराबर था।
हालांकि सरकारों के लिए ब्याज खर्च के लिहाज से पिछला वित्त वर्ष बेहतर रहा रिजर्व बैंक जनवरी 20199 से फरवरी 2020 तक रेपो दर में 1.35 प्रतिशत की कटौती कर चुका है। इससे ब्याज का खर्च कम हुआ है।

रेपो दर कम होने से केंद्र सरकार के लिये देय ब्याज दर 7.5 प्रतिशत से कम होकर 6.7 प्रतिशत तथा राज्यों के लिये 8.1 प्रतिशत से कम होकर 7.2 प्रतिशत हो गयी है।

केयर रेटिंग्स की रिपोर्ट के अनुसार, 2019-20 में केंद्र सरकार ने 7.1 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लिया है, जो साल भर पहले की तुलना में 24.3 प्रतिशत अधिक है। इसी तरह राज्यों का कर्ज इस दौरान 32.4 प्रतिशत बढ़कर 6.3 लाख करोड़ रुपये हो गया है।

इस दौरान केंद्र सरकार ने कम प्राप्तियों के बाद भी कर्ज की किस्तों के रूप में 2.4 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया है। यह साल भर पहले की तुलना में 59 प्रतिशत अधिक है। राज्यों का भुगतान महज 10 प्रतिशत बढ़कर 1.4 लाख करोड़ रुपये रहा है।

केंद्र सरकार के वार्षिक कर्ज की वृद्धि 2015-16 से 2018-19 के दौरान बहुत कम या न के बराबर रही लेकिन 2019-20 में इसमें 20 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हो चुकी है। इस दौरान राज्यों का कर्ज सिर्फ 2017-18 को छोड़ हर वित्त वर्ष में 10 प्रतिशत से अधिक बढ़ा है।




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PTI News Agency

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