दुनिया की अद्भुत योजना को साकार होते देख भावुक हुए शिवराज

Tuesday, Aug 02, 2016 - 07:18 PM (IST)

भोपाल: दुनिया की अनूठी योजना को साकार होने का अदभुत ²श्य देखकर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भावुक हो गए। उनके द्वारा एक दशक पहले शुरू की गई लाड़ली लक्ष्मी योजना महिला सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रही है। मुख्यमंत्री मंगलवार को इस योजना से लाभान्वित उन बालिकाओं को छात्रवृत्ति के चेक वितरित कर रहे थे, जिन्होंने कक्षा छठवीं में प्रवेश लिया है।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार लाड़ली लक्ष्मी योजना के रूप में अपने द्वारा रोपे गए पौधे को फलते-फूलते देख चौहान की खुशी की सीमा न रही। उन्होंने मुख्यमंत्री निवास में आयोजित कार्यक्रम में इस योजना के नन्हें हितग्राहियों को देखकर कहा कि आज का दिन उनके लिए सबसे ज्यादा खुशी का दिन है। क्योंकि उन्होंने एक दशक पहले जो संकल्प लिया था आज पूरा हो रहा है। उन्होंने कहा कि लाड़ली लक्ष्मियों को देखकर मैं गदगद हूं और मेरा रोम-रोम पुलकित है। मैं जीवनभर मां, बहिन और बेटियों की भलाई के लिए काम करता रहूंगा।

इस मौके पर इन बेटियों के माता-पिता ने भी अपनी खुशी का इजहार किया। वे मुख्यमंत्री निवास में लाड़ली शिक्षा पर्व में चौहान के निमंत्रण पर अपनी बेटी के साथ शामिल हुए। लाड़लियों के माता-पिता ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया कि उन्होंने बेटियों के प्रति समाज में सकारात्मक वातावरण बनाने के पुख्ता इंतजाम किए हैं। कभी बेटियों को बोझ समझने वाला समाज और लोग अब उन्हें वरदान समझने लगे हैं। समुदाय की सोच बदलने में लाड़ली लक्ष्मी योजना की महती भूमिका है। एक दशक पहले शुरू की गई यह योजना न केवल देश में बल्कि दुनिया की अनूठी योजना है। इसकी सफलता देखकर इसे कई प्रदेश ने अपनाया है।

इसके अंतर्गत गैर आयकर दाता उन परिवारों की बेटियों को लाभ मिलता है जिनकी दो संतानें हैं। उन्हें राज्य शासन ने बचत पत्र उपलब्ध करवाएं इस योजना से अभी तक 23 लाख बेटियां लाभांवित हो चुकी हैं, जिनके बचत खातों में 9600 करोड़ रुपए जमा करवाए गए हैं। इन्हें 21 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर 27,640 करोड़ रुपए की विशाल राशि मिलेगी।

इसके पहले इन बालिकाओं के कक्षा छठवीं में प्रवेश पर 2000 रुपए नौवीं में प्रवेश पर 4000 रुपए तथा कक्षा 11वीं और बारहवीं में 6-6 हजार रुपए छात्रवृत्ति के रूप में मुहैया करवाए जाएंगे। साथ ही अठारह वर्ष बाद शादी करने पर 21 वर्ष की उम्र में एक लाख से ज्यादा रुपए मिलेंगे। कक्षा छठवीं में प्रवेश लेने वाली 17 हजार लाड़ली लक्ष्मियों को इस वर्ष छात्रवृत्ति के रूप में 2-2 हजार रुपए मिलेंगे।
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