जादू-टोने के आरोप मे पांच को पिलाया महिलाओं का मूत्र

Monday, Oct 12, 2015 - 08:13 PM (IST)

सिवनी (मप्र) : जिला मुख्यालय से 40 किमी दूर छपारा ब्लाक के सालेगढ़ गांव में अंधविश्वास के चलते सर्पदंश से हुई मौतों के लिए एक पंडे के नेतृत्व में गांववालों जादू-टोना करने के आरोप में पांच आदिवासियों को दोषी ठहराकर कथित रूप से मूत्र पीने की सजा दी और प्रत्येक पर 35,000 रुपए का जुर्माना लगाया गया। यह घटना गत रविवार 4 अक्तूबर की है। पूरी घटना का खुलासा तब हुआ जब अमानवीयता का शिकार बने पांच आदिवासियों में से एक हरिराम मर्सकोले (55) गत आठ अक्तूबर को घर से लापता गया। लापता हरिराम की पत्नी और पुत्र ने छपारा पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने आज एक पंडे सहित गांव के पांच लोगों पर विभिन्न धाराआें के तहत मामला दर्ज किया है।
 
 हरिराम के पुत्र जीवन मर्सकोले का आरोप है कि गांव में बीते सितम्बर महीने में सर्पदंश से हुई मौतों का खुलासा करने ग्रामीणों ने छिंदवाड़ा के खमरा गांव के निवासी एक पंडे गोपाल सिंह कतिया को गांव बुलाया। 4 अक्तूबर को तय किए गए स्थान पर करीब पांच सौ गांव वाले एकत्रित हुए। पंडे ने जादू-टोना करने के शक में कमल उइके (55), उमाशंकर उइके (28), कुंवरलाल उइके (55), हरिराम मर्सकोले (55), रामसिंह (40) को बुलाया और इनके सिर पर मटकी और उस पर नारियल, सिंदूर रख दिए। जीवन ने बताया कि पंडा ग्रामीणों के साथ पांचों को तीन किलोमीटर दूर चंदेरी गहरानाला लेकर गया। 
 
यहां पंडे के आदेश पर पांचों को वस्त्र त्यागकर नाले के पानी में डूबकी लगवाकर बारी-बारी से मूत्र पीने के लिए विवश किया। इसके बाद इन आदिवासियों को गांव की एक देवी मडिय़ा के पास लाकर कथित तौर पर माहवारी महिलाआें का मूत्र पिलाया गया। पंडे ने गांव वालों को पांचों आदिवासियों से 35-35 हजार रूपए जुर्माना वसूलने का आदेश भी दिया। इनमें से दो लोगों से 5000-5000 रूपए जुर्माने की राशि वसूल कर ली गई।  थाना प्रभारी एन के पाण्डे ने आज बताया कि पीड़ितों की शिकायत पर छिंदवाड़ा निवासी आरोपी पंडा गोपाल सिंह और सालेगड़ गांव के निवासी कमल सिंह व अन्य चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। 
 
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