हाथ की सफाई में मध्यप्रेदश का गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड

punjabkesari.in Friday, Jul 24, 2015 - 10:22 PM (IST)

भोपाल: विश्व हाथ धुलाई दिवस 15 अक्टूबर 2014 को बने विश्व कीर्तिमान का सर्टिफिकेट गिनीज बुक ऑफ  वर्ल्ड रिकार्ड द्वारा मध्यप्रदेश को दे दिया गया है। अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास अरुणा शर्मा तथा स्वच्छ भारत मिशन, मध्यप्रदेश के दल ने आज यह प्रमाण-पत्र प्राप्त किया। गिनीज  वर्ल्ड रिकार्ड के अनुसार विश्व हाथ धुलाई दिवस पर मध्यप्रदेश में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा 51 जिले में 13 हजार 196 अलग-अलग स्थान पर हाथ धुलाई कार्यक्रम में एक ही समय में एक साथ 12 लाख 76 हजार 425 विद्यार्थी ने भागीदारी कर नया विश्व कीर्तिमान स्थापित किया। 
 
इससे पहले हाथ धुलाई का विश्व रिकार्ड अर्जेन्टीना, पेरू और मेक्सिकों के नाम पर दर्ज था। इन तीन देश में गत 14 अक्टूबर 2011 को अलग-अलग स्थान पर एक साथ 7 लाख 40 हजार 870 लोगों ने हाथ धोकर विश्व कीर्तिमान स्थापित किया था। मध्यप्रदेश ने इस कीर्तिमान को पीछे छोड़ते हुए 15 अक्टूबर 2014 को एकसाथ हाथ धुलाई का नया विश्व कीर्तिमान रचा। विधिवत सत्यापन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद नए विश्व कीर्तिमान को गिनीज बुक ऑफ  वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज किया गया है। मध्यप्रदेश को नया विश्व कीर्तिमान रचने की गौरवपूर्ण उपलब्धि का प्रमाण पत्र गिनीज  वर्ल्ड रिकार्ड द्वारा भेजा गया है। 
 
स्वच्छता के बारे में जागरूकता लाने के मकसद से साबुन से हाथ धुलाई का कार्यक्रम हुआ था। गिनीज बुक ऑफ  वर्ल्ड रिकार्ड के सत्यापन के लिए विशेष रूप से चयनित प्रदेश के 19 हजार 735 स्कूल में वीडियो केमरों तथा मोबाइल फोन द्वारा वीडियोग्राफी की गई थी। इस आयोजन में भागीदार सभी बच्चों के नाम सहित प्रमाणित विवरण और स्कूलवार अनकट वीडियोग्राफी गिनीज बुक की ओर विधिवत प्रक्रिया द्वारा भेजी गई थी। गिनीज बुक द्वारा प्रमाणित विवरण के आधार पर विश्व हाथ धुलाई के नए विश्व कीर्तिमान को मान्यता प्रदान कर प्रमाण-पत्र भेजा गया है। 
 
 उल्लेखनीय है कि भावी पीढ़ी को स्वच्छता शिक्षा देने और नागरिकों को स्वच्छता अभियान से जुडऩे के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश में यह अनूठा आयोजन हुआ था। इस राज्यव्यापी कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए प्रदेश में व्यापक तैयारियां की गई थी। स्कूल शिक्षा तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के साथ ही सभी नगरीय एवं ग्रामीण निकायों ने इसमें व्यापक भागीदारी निभाई। राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन, ब्रिटिश सरकार के अंतर्राष्ट्रीय विकास विभाग (डीएफआईडी) में कार्यरत संस्था एम.पी.टास्ट की वॉश परियोजना तथा वाटर एड सहित विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं ने भी इसमें सक्रिय भागीदारी की थी।  

सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News