ये कैसी परंपरा! बेटी के जिस्म का सौदा कर चलता हैं घर का खर्चा (pics)

punjabkesari.in Tuesday, Jul 12, 2016 - 03:29 PM (IST)

हमारे समाज में बेटियों को घर की लक्ष्मी माना जाता है अौर इसकी हिफाजत करना परिवार के हर सदस्य की जिम्मेदारी होती है लेकिन हमारे समाज में एक एेसा समाज भी है ,जहां खुलेअाम बेटियों की इज्जत का सौदा किया जाता है।
 
अापको यह जान कर हैरानी होगी कि बेटी को जन्म देने वाले माता-पिता ही असकी इज्जत को सौदा करने के लिए ग्राहक ढूंढते है। उनका यह मानना है कि गंधा है लेकिन यही हमारा धंधा हैं।
 
1.माता-पिता के सामने करना पड़ता है सेक्स 
 
मध्यप्रदेश के नीमच, मन्दसौर और रतलाम जिले में कई गांव ऐसे है, जहां कई सालों से बेटियों के जिस्म का सौदा किया जा रहा है क्योंकि यहां पर समाजिक तौर से एेसा करने के लिए इजाजत मिली हुई है। यहां तक अगर बेटी किसी मर्द से संबंध बनाती है तो उन्हें इससे एतराज होने के बजाएं खुशी होती है।
 
2.200 साल से चलती अा रही परंपरा
 
मालवा अंचल के इस गांव में करीब 200 सालों से बेटी के सेक्स करने की परंपरा चल   रही है। असल में इन गांवों में रहने वाले बांछड़ा लोगों के लिए बेटी के जिस्म का सौदा उनके घर का खर्चा अौर पेट भरने का एकमात्र सहारा है। मालवा के लगभग 70 गांवों में जिस्मफरोशी की करीब 250 मंडियां लगती है, जहां बेटियों का सौदा किया जाता है।
 
3.माता-पिता ही लेकर अाते है ग्राहक
 
यहां बेटी के जिस्म का सौदा करने के लिए मां-बाप खुद ग्राहक ढूंढकर लाते हैं, जिसके बाद उस ग्राहक के साथ बेटियां अपने परिवार के सामने खुलेआम सेक्स करती हैं। हैरत कि बात यह है कि परिवार के लोग ही उसको संबंध बनाने के लिए मजबूर करते है।
 
4.बेटियों के पैदा होने पर होता है जश्न
 
यहां पर बेटियों के पैदा होने पर खुशी इसलिए मनाई जाती है क्योंकि यहीं बेटी उनकी कमाई का जरिया बनती है। इस बांछड़ा समुदाय में बेटी ही परिवार के पालन-पोषण करने की जिम्मेदारी उठाती है। यहीं इस समुदाय की कड़वी सच्चाई है ,पेट की अाग बेटी की इज्जत से ज्यादा बड़ी है। इसलिए तो इस समुदाय में बेटियों के माता-पिता चंद पैसों के लिए एेसा घिनौना काम करते है।

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News