क्या अाप जानते है फैमिली के साथ बैठकर खाने के हैं ये फायदे...

punjabkesari.in Sunday, Feb 28, 2016 - 05:18 PM (IST)

पुराने जमाने में परिवार का साथ बैठकर खाना ट्रेडिशन था और इसे शुभ भी माना जाता था। जैसे -जैसे फैमिलीज़ न्यूक्लियर होती गई ये ट्रेडिशन खत्म होते गया। ट्रेडिशन खत्म होने से बहुत कुछ खत्म होता गया, जैसे एक साथ बैठ कर बातें करना, एक दूसरे की परेशानियों को सुनना, बड़ों से अच्छी बातें सिखना आदि। पेरेंट्स के काम करने का वक्त, बच्चों की पढ़ाई सारी चीजें गड़बड़ होते गई।  

लेकिन जब सारा परिवार मिलकर डिनर टेबल पर बात करता है और घर के सभी लोग मिलकर उसका कोई न कोई अच्छा सॉल्यूशन निकाल लेते हैंतो इसका नतीजा यह होता है कि पूरा परिवार एक हो जाता है। 

 

ईटिंग टूगेदर

आजकल बच्चे बहुत ज्यादा इंट्रोवर्ट हो रहे हैं। न जाने कब उनके जेहन में क्या नेगेटिव विचार चल रहे होते हैं। ऐसे में फैमिली कम्यूनिकेशन बहुत जरुरी है नहीं तो वो गलत फैसलों की ओर बढ़ सकता हैं। साथ खाने से मुश्किल हालातों में भी कम्युनिकेशन बनता है। आज के इस दौर की बड़ी समस्या को सिर्फ "ईटिंग टूगेदर’ से दूर कर सकते हैं।

 

हेल्दी ईटिंग  

अकेले खाते हुए बच्चें कुछ भी खा लेते है। पेरेंट्स बच्चों के साथ में खाना खाएंगे तो ख्याल रखेंगे कि वे हेल्दी फूड ले। साथ में ऐसा फूड खाएंगे तो जो सबकी पसंद का हो और न्यूट्रिशन से भरा हो। इससे आप बच्चों के बाहर खाना खाने की आदत भी कम कर पाएंगी।

 

टेबल मैनर्स  

हमें खाने, खाना बनाने, चलने, दौड़ने, लाइफ के सबक हम घर पर ही सीखते हैं। बड़े होकर बच्चे ऊंचे मुकाम पाएंगे लेकिन मैनर्स डिनर टेबल पर ही सीखेंगे। बच्चों को इसके लिए किसी पर्सनैलिटी डिवेलपमेंट क्लास में भेजने की जरूरत नहीं होगी। साथ खाते हुए उनमें अच्छी आदतें डाल सकेंगी। 

 

फैमिली वैल्यूज़  

पेरेंट्स-बच्चों का रिश्ता गहरा होता जाता है। एक-दूसरे की लाइफ और एक्सपीरिएंस से सीखते हैं। किशोर बच्चों में साथ खाने की आदत डालना इस दौर में तो बहुत जरूरी है। उनकी जिंदगी में गैजेट्स और कई व्यक्तित्व वाले दोस्तों की जगह है। फैमिली वैल्यू मजबूत बनाने के लिए साथ खाना खाने पर जोर दें। उन्हें उनके रूम में खाना खाने की आदत न पड़ने दें। 


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