भारत का सबसे बड़ा रेड लाइट एरिया, ऐसी जिंदगी जीने को मजबूर औरतें (PICS)
punjabkesari.in Sunday, Apr 10, 2016 - 03:05 PM (IST)

भले ही इस मॉडर्न जमाने में हम वुमेन डे जैसे दिवस मनाकर महिलाओं को आदर-सम्मान दे रहे हैं लेकिन आज भी हमारे समाज में ऐसी जगहें बहुत सारी हैं, जहां पर महिलाओं को जबरदस्ती देह-व्यापार में धकेला जा रहा है या फिर दो वक्त की रोटी के लिए वह वेश्या बनने पर मजबूर हैं। लक्जरी, मिडल और आम जिंदगी जीने वाली महिला की लाइफ से बिलकुल अलग और गुमनाम होती हैं इन महिलाओं की जिंदगी। शायद हम इन महिलाओं की पीड़ा समझ न पाएं।
आज हम आपको भारत के सबसे बड़े रेड लाइट एरिया में रहने वाली महिलाओं की जिंदगी के बारे में बताते हैं कि किस तरह वह अपना घर चलाती हैं और बच्चों को पालती हैं। जी हां, भारत का सबसे बड़ा रेड लाइट एरिया कोलकता के पश्चिमी हिस्से में स्थित सोनागाछी को कहा जाता है, जहां मेकअप से सजी-संवरी औरतें, दरवाजों पर खड़ी होकर ग्राहकों का इंतजार करती हैं।
अनुमानित रूप से कहा जाए तो वहां करीब 14 हजार महिलाएं इस प्रोस्टीट्यूशन के प्रोफेशन में हैं, जिनमें ज्यादातर लड़कियां नाबालिग हैं। हर साल यहां आने वाली नई महिलाों की संख्या करीब 1000 होती है। कुछ महिलाओं को तो ट्रैफिकिंग यानी तस्करी कर जबरन लाई जाती हैं जबकि कुछ खुद अपनी मर्जी से इस पेशे को चुनती हैं। अपनी अगली पीढ़ी की जिंदगी बेहतर करने के इरादे से कुछ महिलओं ने इस प्रोफेशन को चुना है।
एक अंग्रेजी वेबसाइट से इंटरव्यू में इस प्रोफेशन में काम करने वाली महिला ने कहा कि पहले वह एक घरों में नौकरानी का काम करती थी लेकिन आमदनी कम होने की वजह से गुजारा मुश्किल था, जिसके बाद उसने देह-व्यापार का रास्ता चुना, जिसमें वह करीब 16 हजार रुपए तक कमाई कर लेती है।
वहीं एक अन्य वर्कर ने बताया कि वे करीब 7 साल तक अपने पति के साथ शादीशुदा जिंदगी में रहीं। पति शराबी था, रोज मारता-पीटता, लेकिन बेटी की जिंदगी की खातिर वह उसके साथ रहती थी। लेकिन आखिर उसने तंग आकर पति को छोड़ दिया और इस प्रोफेशन में आ गई, जहां वह खुश है।
वहीं एक और महिला ने कहा कि ज्यादा पढ़ी लिखी होने की वजह से उसके पास नौकरी नहीं थी लेकिन बच्चों को पालने और पढ़ाने के लिए उसने यह प्रोफेशन चुना। अब उसके बच्चे नौकरी करते हैं। उसका कहना है कि अगर वह घर बैठी रहती तो शायद आज उसके बच्चे पढ़ न पातें।
उनका कहना है, ''सोसाइटी को हमारी निंदा करने से पहले खुद के बारे में सोचना चाहिए तो क्या हमें किसी ने अच्छी नौकरी दी?''