यहां लड़की पैदा होने पर होता हैं अनोखा काम, बड़ी दिलचस्प हैं वजह (PICS)

punjabkesari.in Wednesday, Jul 08, 2015 - 03:40 PM (IST)

जयपुरः हमारे समाज में अभी भी कई इलाकों में लड़कियों को लड़कों के बराबर नहीं समझा जाता। उन्हे मां-बाप का बोझ माना जाता है। दहेज के लिए उनकी बलि चढ़ा दी जाती है लेकिन इसी के साथ हमारे देश में ऐसे भी जगहों की कमी नहीं है, जहां लड़की के आने से खुशियां मनाई जाती है। 

जी हां, यह जगह है राजस्थान का पिपलंत्री गांव में, जहां आज भी सुखद समाचार सुनने को मिलते हैं। यहां आज भी बच्ची के जन्म पर 111 पेड़ लगाए जाते हैं।  इस अद्भुत परम्परा की शुरुआत श्याम सुंदर पालिवाल नामक एक ग्रामीण नेता के द्वारा की गई थी जब उनकी बेटी कम उम्र में ही चल बसी थी और आज भी ये परम्परा अनवरत जारी है।

आज भी जब इस गांव मे कोई लड़की पैदा होती है तो गांव के सदस्य एक ट्रस्ट के तहत एक निवेश खड़ा करते हैं, जिसका एक तिहाई हिस्सा 31,000 रुपए लड़की के माता-पिता को जमा करने होते हैं, जिसे लड़की के 20 साल के होने पर भुनाया जा सकता है और यही धन परिवार के लिए संबल बन जाता है। ट्रस्ट के बदले माता-पिता को एक एफिडेविट कराना पड़ता है, जिसमें माता-पिता को ये घोषित करना पड़ता है कि वे 18 वर्ष से पहले अपनी बेटी की शादी कतई नहीं करेंगे। साथ ही उन 111 पेड़ों के देखभाल की शर्त भी उसी में शामिल होती है।

ये सुनने में भले ही छोटी बात लग रही हो मगर ऐसी बातें ही समाज बनाती हैं। ये खूबसूरत परम्परा महिलाओं के लिए एक विश्वास का माहौल खड़ा करती है। पिछले 6 वर्षों में यहां लगभग ढाई लाख पेड़ लगे हैं और इन गांव वालों का कहना है कि इससे गांव का माहौल कुछ ऐसा हो गया है, कि जैसे ये स्वर्ग हो।

यहां रहने वाले लोगों का कहना है कि इन सारी सामाजिक समस्याओं के समाधान के लिए वातावरण की तरफ देखना ही होगा और जब ये पौधे पेड़ के रूप में विकसित होंगे तो ही उसे उपलब्धि कहा जा सकेगा।


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