जीवनशैली में बदलाव, स्तन कैंसर से दिलाएगा निजात

Tuesday, Feb 24, 2015 - 04:38 PM (IST)

नवजात शिशु के लिए मां का दूध अमृत के समान माना जाता है। भले ही कोई स्त्री स्तनपान कराने की स्थिति में हो या न हो, स्त्रियों की जीवनचर्या के कुछ विकल्प हैं जिन्हें अपनाकर वे स्तन कैंसर के खतरे को यथासंभव कम कर सकती हैं। स्तन कैंसर से बचने के लिए उन्हें निम्नलिखित जीवनशैली अपनानी चाहिए :-

उचित वजन रखना : ज्यादा वजन वाली स्त्रियों में स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। एेसा एस्ट्रोजन बनाने वाली वसा कोशिकाओं की मौजूदगी का कारण होता है। अतिरिक्त वसा कोशिकाओं के फलस्वरूप शरीर में ज्यादा एस्ट्रोजन बनता है, जिससे स्तन कैंसर की उत्पत्ति और उसका विकास हो सकता है। 

नियमित शारीरिक व्यायाम: अतिरिक्त फैट कोशिकाओं से अतिरिक्त एस्ट्रोजन बनता है और जब स्तन की कोशिकाओं में अतिरिक्त एस्ट्रोजन हो जाता है, तब स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। व्यायाम करने से वजन संतुलित रहता है और चर्बी तथा एस्ट्रोजन का स्तर नियंत्रित रहता है, जिसके फलस्वरूप स्तन की कोशिकाओं का स्वस्थ और निरोगी विकास होता है। 

स्वास्थ्यवद्र्धक एवं संतुलित आहार  :  हालांकि खाने-पीने की आदतों से स्तन कैंसर का खतरा टाला नहीं जा सकता, तथापि इससे अप्रत्यक्ष फायदा होता है। विशेषकर फलों, सब्जियों, साबूत अनाजों और बीज वाली फलियों जैसे कुछ खाद्यान्न हैं, जिनसे शरीर की प्रतिरोधी क्षमता बढ़ती है और स्तन कैंसर का खतरा कम होता है। 

किशोरावस्था से यौवन की वय: संधि की उम्र में अधिक चर्बीदार आहार लेने वाली स्त्रियों में निकट भविष्य में वजन अधिक नहीं होने पर भी स्तन कैंसर का खतरा ज्यादा होता है। 

स्तनपान का स्तन कैंसर के खतरे पर कोई असर होता है या नहीं, इस विषय पर अभी भी अनेक शोध और अध्ययन चल रहे हैं। तथापि, सुरक्षा के दृष्टिकोण से स्त्रियों को जीवन शैली के रूप में नहीं भी तो कम से कम सार्वजनिक स्वास्थ्य की आवश्यकता को ध्यान में रखकर शिशुओं को स्तनपान कराने की आदत डालनी चाहिए।                                                                                                                                                                                                                                                              —डा. अनीश मारू 

Advertising