पुत्र प्राप्ति की कामना करने वाले 14 अगस्त 2016 को करें ये व्रत

Friday, Aug 12, 2016 - 03:34 PM (IST)

सावण मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पवित्रा एकादशी के रुप में मनाते हैं। इस वर्ष पवित्रा एकादशी का पर्व 14 अगस्त 2016 (रविवार) को मनाया जाएगा। धर्म ग्रंथों के अनुसर इस व्रत की कथा सुनने मात्र से वाजपेयी यज्ञ का फल प्राप्त होता है। पवित्रा एकादशी के महत्व को भगवान श्रीकृष्ण ने धर्मराज युधिष्ठिर से कहा था।

 पुत्रदा (पवित्रा) एकादशी व्रत कथा, सुनने मात्र से मिलता है वाजपेयी यज्ञ का फल 

भगवान के कथन अनुसार यदि नि:संतान व्यक्ति यह व्रत पूर्ण विधि-विधान व श्रृद्धा से करता है तो उसे संतान की प्राप्ति होती है। अत: संतान सुख की इच्छा रखने वालों को इस व्रत का पालन करने से संतान की प्राप्ति होती है। पवित्रा एकादशी का श्रवण एवं पठन करने से मनुष्य के समस्त पापों का नाश होता है। वंश वृद्धि होती है तथा समस्त सुख भोगकर परलोक में स्वर्ग को प्राप्त होता है।

 
धर्म सिन्धु ग्रन्थ के अनुसार एकादशी तिथि दो प्रकार की होती है, विद्धा और शुद्धा। पहली दशमी तिथि से युक्त एकादशी विद्धा एकादशी कहलाती हैं। दुसरी सुर्योदय के समय वाली एकादशी तिथि द्वादशी तिथि युक्त हो तो वह शुद्धा एकादशी कहलाती हैं। एकादशी, अष्टमी आदि व्रतों में स्मार्त्त और गृहस्थ जनों को पहले वाली तिथि या पर्व में व्रत आदि करने का निर्देश दिया गया है। जबकि विधवाओं को बाद वाली तिथि में व्रत आदि करने का निर्देश दिया गया हैं -  
स्मार्तानां गृहिणां पूर्वो पोष्या। 
यतिर्भि: निष्काम गृहिभि: वनस्थै: विधवाभि वैष्णवैश्य परैवोपोष्या ।। (धर्म सिन्धु ) 
 
पवित्रा एकादशी व्रत का महत्व
इस व्रत के नाम अनुसार ही इसका फल है। जिन व्यक्तियों को संतान होने में बाधाएं आती हैं अथवा जो व्यक्ति पुत्र प्राप्ति की कामना करते हैं उनके लिए पवित्र एकादशी का व्रत बहुत ही शुभफलदायक है इसलिए संतान प्राप्ति के लिए इस व्रत को व्यक्ति विशेष को अवश्य रखना चाहिए, जिससे उसे मनोवांछित फलों की प्राप्ति हो सके।
 
पंडित विशाल दयानन्द शास्त्री
vastushastri08@gmail.com
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