अजा एकादशी: पद, पैसे और प्रतिष्ठा के लिए करें कुछ खास

Monday, Sep 07, 2015 - 01:32 PM (IST)

भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अजा एकादशी अथवा जया एकादशी कहते हैं।इस व्रत में रात को जागरण करने का बहुत महत्व है। द्वादशी के दिन सुबह ब्राह्मण को भोजन करवाने के बाद स्वयं भोजन करना चाहिए।  ध्यान रहे द्वादशी के दिन बैंगन न खाएं।

एकादशी तिथि के प्रधान देव भगवान विष्णु हैं।  इस दिन भगवान विष्णु के निमित्त व्रत करने का विधान है। पुराणों के अनुसार एकादशी का महत्व स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने धर्मराज युधिष्ठिर को बताया था। अजा एकादशी का व्रत करने वाला अश्वमेघ यज्ञ करने के समान पुण्य का अधिकारी होता है। मरणोंपरांत विष्णुलोक में स्थान प्राप्त होता है।
 
महाभारत के अनुशासन पर्व में भीष्म और युधिष्ठिर का संवाद है जिसमें पितामह भीष्म ने भगवान विष्णु के हजार नामों का वर्णन किया है। प्रतिदिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ सभी सनातन धर्मीयों को करना चाहिए। यदि प्रतिदिन ऐसा करना संभव न हो तो एकादशी, द्वादशी और बृहस्पतिवार को इस पाठ का जाप अवश्य करना चाहिए। इसके अतिरिक्त पद, पैसे और प्रतिष्ठा के लिए करें कुछ खास
 
 * पीले रंग का प्रशाद अर्पित करें।
 
 * कमल के फूल चढ़ाएं।
 
 * तिल के तेल का दीपक जलाएं।
 
 * भगवान विष्णु या उनके किसी भी विग्रह को तुलसी की माला अर्पित करें।
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