धन, संपत्ति और पुत्र पाने का आज बन रहा है विशेष योग

Thursday, Aug 20, 2015 - 12:55 PM (IST)

सनातन धर्म में प्रत्येक दिन और विशेष तिथियां किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित रहती हैं। इन दिनों में विशेष पूजन करने से मनचाही इच्छाओं को पूरा किया जा सकता है। शिवपुराण में कहा गया है की समस्त देवों में भोलेनाथ की ही छवि है।भगवान शिव और उनका नाम समस्त मंगलों का मूल है। वे कल्याण की जन्मभूमि तथा परम कल्याणमय है। समस्त विद्याओं के मूल स्थान भी भगवान शिव ही है। ज्ञान, बल, इच्छा और क्रिया शक्ति में भगवान शिव के जैसा कोई नहीं है। वे सभी मूल के कारण रक्षक पालक तथा नियन्ता होने के कारण महेश्वर कहे जाते हैं। उनका आदि और अनंत न होने से वे अनंत है।

मरणोपरांत करेंगे अंग दान तो पाएंगे देवों के समान प्रतिष्ठा और सत्कार

हिंदू कैलेंडर के मतानुसार श्रावण का महीना सबसे पवित्र माना जाता है। सावन भगवान शिव का प्रिय महीना है। शास्त्रों में वर्णित है सावन महीने में भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले जाते हैं  इसलिए ये समय भक्तों, साधु संतों सभी के लिए अमूल्य होता है। यह चार महीनों में होने वाला एक वैदिक यज्ञ है जो एक प्रकार का पौराणिक व्रत है जिसे चौमासा भी कहा जाता है तत्पश्चात सृष्टि के संचालन का उत्तरदायित्व भगवान शिव ग्रहण करते हैं इसलिए सावन के प्रधान देवता भगवान शिव बन जाते हैं।

कोई भी प्रार्थना, पूजा पाठ, आराधना, मंत्र, स्तोत्र और स्तुतियों का फल तभी प्राप्त होता है जब आराधना विधि-विधान और शास्त्रोक्त तरीकों से की जाए। आज श्रावण शुक्ल षष्ठी तिथि है और आज का दिन शिव पुत्र कार्तिकेय को समर्पित है। श्रावण मास में पड़ने वाले शुक्ल पक्ष के छठे दिन भगवान शिव और उनके पुत्र कुमार कार्तिकेय का पूजन एकसाथ करने का विधान है। ऐसा करने से पापों का नाश होता है।  धन, संपत्ति और पुत्र की प्राप्ति होती है।

आज का विशेष उपाय 

आज शाम शिवालय में मिट्टी के 6 दीपक सरसों का तेल डालकर भगवान शिव पर अर्पित करें और कुमार कार्तिकेय पर मोर पंख अर्पित कर उसे अपने बैडरूम में रखें। 

आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com
Advertising