केंद्रीय मंत्री अनिल माधव की मौत पर उठे सवाल, हाईकोर्ट ने जांच की मांग

Thursday, Nov 16, 2017 - 08:17 PM (IST)

भोपालः केंद्रीय मंत्री अनिल माधव दवे की मौत को संदिग्ध करार हुए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर हुई है। याचिका में दवे की मौत की जांच किसी निष्पक्ष एजेंसी से कराने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि मौत के वक्त दवे के शरीर पर नीले निशान थे। 

हाईब्रीड बीज को लेकर करने वाले थे खुलासा
याचिका में बहुत सनसनीखेज खुलासे किए गए हैं। याचिका में दावा किया गया है कि केंद्रीय मंत्री अनिल माधव दवे की मौत संदिग्ध हालात में हुई। याचिका में कहा गया है कि केंद्रीय मंत्री की तबीयत खराब होने के बावजूद उन्हें कोई डॉक्टर देखने नहीं आया। दवे के घर से एम्स अस्पताल की दूरी महज कुछ मीटर होने के बावजूद उनके अस्पताल पहुंचाने में देरी हुई। केंद्रीय मंत्री की जिस दिन मौत हुई उसके एक दिन बाद वे सरसों के हाईब्रीड बीज को लेकर किसी बड़ी नीति पर फैसला करने वाले थे। दवे पर इस फैसले को लेकर कई तरह के दबाव थे।

पोस्टमार्टम की मांग पर ध्यान नहीं दिया 
याचिका में कहा गया है कि सूत्रों ने मुताबिक दवे की मौत के बाद उनके शरीर पर नीचे निशान देखे गए थे। दवे का शव पहले कांच की कोफीन में रखा गया था लेकिन बाद में उसके शव को लकड़ी के कोफीन में स्थानांतरित किया गया। संदिग्ध मौत को देखते हुए दवे के पोस्टमार्टम की मांग भी उठी थी लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया।सामाजिक कार्यकर्ता तपन भट्टाचार्य ने वरिष्ठ वकील आनंद मोहन माथुर के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इसकी सुनवाई इसी हफ्ते होने की संभावना है। 

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