आरक्षित टिकट के बाद भी सामान्य कोच में करवा यात्रा, अब मुआवजा देगा रेलवे

Wednesday, Jan 17, 2018 - 11:35 AM (IST)

नई दिल्ली : करीब 12 साल पहले राजस्थान के राम देवराजी मेला देखने गए लोगों के पास आरक्षित टिकट होने के बावूजद जोधपुर से दिल्ली ट्रेन में उन्हें सामान्य श्रेणी में यात्रा करनी पड़ी। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद अब दिल्ली राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने रेलवे को 118 यात्रियों की टिकट का पैसा वापस करने के साथ उन्हें हुई परेशानियों के लिए मुआवजा भी देने का आदेश दिया है।

क्या है मामला
वर्ष 2005 में ननगी देवी सहित 118 लोगों ने राजस्थान के प्रसिद्ध मेला राम देवराजी देखने के लिए रेलवे से आने-जाने का आरक्षित टिकट बुक कराया। सभी लोग 19 अगस्त 2005 को ट्रेन से राम देवरा जी पहुंच गए। मेला देखने गए इन लोगों को 3 सितम्बर 2005 को जोधपुर से दिल्ली मालनी एक्सप्रैस से वापसी का आरक्षित टिकट था। जोधपुर रेलवे स्टेशन पर इन लोगों के पांव तले जमीन उस वक्त खिसक गई जब उन्हें पता चला कि जिस डिब्बे में उनका आरक्षित टिकट है, वह कोच है ही नहीं।

यात्रियों ने इसकी शिकायत वहां पर रेलवे स्टेशन पर की। इसके साथ ही दिल्ली पहुंचते ही लोगों ने सराय रोहिल्ला स्टेशन पर भी लिखित शिकायत दाखिल कर टिकट के साथ मुआवजे की मांग की थी। रेलवे से मुआवजा नहीं मिलने पर लोगों ने जिला उपभोक्ता फोरम में शिकायत दाखिल की थी।

यह कहा फोरम ने
फोरम के न्यायिक सदस्य ओ.पी. गुप्ता ने रेलवे के उन दलीलों को सिरे से खारिज कर दिया है जिसमें नियमों का हवाला देकर कहा गया था कि यात्रियों को मुआवजा नहीं दिया जा सकता। राज्य उपभोक्ता फोरम ने राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि यदि रेलवे ट्रेन में कोच लगाना भूल गई थी तो उसे यात्रियों को पहले से सूचना देनी थी। फोरम ने उत्तर रेलवे को सभी 118 यात्रियों को टिकट का 151 रुपए वापस करने को कहा है। हालांकि आयोग ने जिला उपभोक्ता फोरम द्वारा तय मुआवजे की रकम को 5000 रुपए से 1-1 हजार रुपए में तबदील कर दिया है। 
 

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