वायु प्रदूषण का असर  पडऩे लगा वैवाहिक जीवन पर

Thursday, Nov 30, 2017 - 01:21 AM (IST)

राजधानी दिल्ली सहित देश के अन्य अनेक भागों पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश आदि में वायु एवं अन्य प्रदूषणों की समस्या पिछले चंद वर्षों के दौरान लगातार गम्भीर से गम्भीरतर होती जा रही है।

इसी के दुष्प्रभावों के सम्बन्ध में गत दिनों जब हमारे एक परिचित मिलने आए तो उन्होंने बड़ी दिलचस्प और आश्चर्यजनक बात सुनाई। उन्होंने बताया कि उनके बेटे की शादी उसके कहने पर ही उसकी एक सहपाठी युवती से की गई और दोनों दिल्ली में उच्च पदों पर प्रसन्नतापूर्वक कार्य कर रहे थे।

समय बीतने के साथ-साथ उनके दो बच्चे हुए। घर में अब तक सब ठीक-ठाक चल रहा था लेकिन जैसे-जैसे बच्चे बड़े होने लगे तो उनमें दमा के लक्षण दिखाई देने शुरू हुए और तमाम इलाज करवाने के बावजूद यह तकलीफ बढ़ती ही चली गई।

फिर कुछ समय बाद एक स्टेज ऐसी आ गई जब उनकी बहू ने अपने पति से कह दिया कि यहां का वातावरण प्रदूषित होने के कारण बच्चे सुरक्षित नहीं हैं। उनकी आयु एवं सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है तथा डाक्टरों ने भी कह दिया है कि यदि आप इन्हें स्वस्थ रखना चाहते हैं तो यहां से कहीं और चले जाना चाहिए।

उनकी बहू बार-बार उनके बेटे को इस बात के लिए मनाती रही लेकिन जब लड़के ने यह कह कर बात टाल दी कि बड़े होकर अपने आप ठीक हो जाएंगे तो दिल्ली के लगातार बिगड़ रहे वायु प्रदूषण को देखते हुए लड़की की अपने बच्चोँ के लिए चिंता बढ़ गई और पति-पत्नी में इसी कारण खटपट रहने लगी।

अंतत: लड़की को विदेश में नौकरी मिल गई और वीजा लगने के बाद वह लड़की जिसने अपनी इ‘छा से प्रेम विवाह किया था और सब ठीक-ठाक चल रहा था, बच्चोँ की सेहत की खातिर परस्पर सहमति से अपने पति को छोड़ कर तलाक लिए बिना विदेश चली गई। उसका कहना था कि वह अपने पति के साथ रह कर बच्चोँ को मरते हुए नहीं देख सकती।

हमारे इन परिचित महोदय का बार-बार यही कहना है कि उनकी बहू उनके पोते-पोती को लेकर चली गई लेकिन वे इस घटनाक्रम पर रो भी नहीं सकते क्योंकि बहू ने जो कुछ भी किया वह उनके पोते-पोती की जिंदगी के लिए ही किया।

यह कहानी किसी एक परिवार की नहीं बल्कि ऐसे और भी परिवार होंगे जिनके सदस्य विशेष रूप से दिल्ली और सामान्यत: देश के अन्य भागों में फैले वायु एवं अन्य प्रदूषण से प्रभावित हो रहे हैं।

यह एक ऐसी स्थिति है जिसके आगे किसी तर्क की गुंजाइश नहीं है। आखिर अपने बच्चोँ की रक्षा कौन नहीं करना चाहेगा। यही नहीं अभी तो ठंड बढऩे के साथ और प्रदूषण बढऩे की भविष्यवाणी की गई है। अत: इससे और परिवारों के प्रभावित होने की संभावना से भी इन्कार नहीं किया जा सकता।                      
        —विजय कुमार

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