अंटार्कटिका में भी नया देश बनाने की तैयारी में सुयश दीक्षित, शेयर की दिलचस्प बातें

Thursday, Nov 16, 2017 - 11:10 AM (IST)

काहिराः मिस्र घूमने गए इंदौर के इंजीनियर सुयश दीक्षित का 800 वर्गमील जगह पर अपना दावा कर खुद को वहां का राजा घोषित करने का कारनामा सुर्खियां बटोर रहा है। अब वह अंटार्कटिका में भी इसी तर्ज पर नया देश बनाना चाहते हैं। वह जल्द ही वहां की यात्रा करने जा रहे हैं। इंदौर निवासी सुयश मिस्र में एक सम्मेलन में अपने भाई सुयोग के साथ गए थे। उन्होंने मिस्र और आसपास की जगह के बारे में पता किया तो ऐसे स्थान की जानकारी मिली जहां किसी भी देश का दावा नहीं है।

सूडान व मिस्र के बीच 2072 वर्ग किलोमीटर हिस्से को लेकर दोनों देशों के बीच वर्षो से विवाद की स्थिति है। बस उन्हें कुछ नया करने की सूझी और दोनों भाई सूडान से बीर ताविल के लिए निकल पड़े। उन्होंने 800 वर्गमील की जगह पर दावा कर अपना झंडा गाड़ दिया। सुयश ने बीर ताविल कहलाने वाली इस जगह का खुद को राजा घोषित कर नाम 'किंगडम ऑफ दीक्षित' दिया है। अपने पिता को वहां का प्रधानमंत्री, सेनाअध्यक्ष भी बना डाला। इतना ही नहीं, अपने कथित देश का झंडा बनाकर उसे वहां फहराया और सोशल मीडिया पर नए देश से जुड़ी पोस्ट भेज दी।

अब वह चाहते हैं कि संयुक्त राष्ट्र (यूएन) इस इलाके को नए देश के रूप में मान्यता दे। अपने देश की राजधानी का नाम उन्होंने सुयशपुर रखा है। सुयश बताते हैं बीर ताविल तक का सफर खतरों से भरा था। मिस्र से निकलने के बाद 319 किलोमीटर का खतरनाक सफर तय करना पड़ा, क्योंकि जिस इलाके को उन्होंने देश घोषित करने का दावा किया है, वह आतंक प्रभावित और पूरा रेगिस्तानी है। आवाजाही के लिए सड़क तक नहीं है। वहां जाने के लिए उन्हें मिस्र पुलिस ने सशर्त इजाजत दी थी।

सुयश का कहना है उन्हें रेगिस्तान में सिर्फ छिपकली ही ज्यादा दिखाई दी, इसलिए उन्होंने देश का राष्ट्रीय पशु छिपकली घोषित किया और एक वेबसाइट भी तैयार की है। इसमें कुल जनसंख्या में एक लिखी है। इंदौर का पोहा नए देश का राष्ट्रीय भोजन बनाया है। नया देश बनाने का दावा पेश करने वाले सुयश ने अपने पिता आरके दीक्षित को देश का प्रधानमंत्री बनाकर बुधवार को जन्मदिन का तोहफा दिया। सुयश इंदौर में अपनी आइटी कंपनी चलाते हैं। उनके पिता न्यू साइंस कॉलेज में फिजिक्स के प्रोफेसर हैं।

सुयश बताते हैं नए देश के लिए सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद देश के लिए विभिन्न पदों पर नियुक्तियां करेंगे। ऑनलाइन आवेदन कर कोई भी नए देश की नागरिकता ले सकता है। उन्होंने बताया फिलहाल पूरा क्षेत्र रेतीला है। पहले भी कई लोग वहां जा चुके हैं। कानून में प्रावधान है कि दुनिया में ऐसी जगह जो किसी देश के अधिकार क्षेत्र में नहीं आती, वहां कोई भी जाकर अधिकार जता सकता है। उसी कानून की जानकारी जब मिस्र में मिली तो अपना देश बनाने का विचार आया। तलाश शुरू की तो कुछ ही समय में बीर ताविल नामक जगह खोज ली गई। सुयश के अनुसार उक्त जगह पर पहले भी कई लोग पहुंचे थे। दोनों देशों की परंपरा के अनुसार युद्ध कर देश पर आधिपत्य का फैसला होता है। यदि ऐसी स्थिति बनी तो वे कॉफी पीते-पीते बातचीत से मामले का हल निकालना पसंद करेंगे।

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