इस्पात कंपनियां बढ़ा सकती है उत्पादों के दाम, बढ़ेगी लागत

Saturday, Dec 02, 2017 - 05:08 PM (IST)

नई दिल्लीः इस्पात कंपनियां अपने उत्पादों के दाम 1,000 रुपए प्रति टन बढ़ा सकती हैं। इसकी वजह यह है कि सरकारी खनन कंपनी एनएमडीसी लिमिटेड ने लौह अयस्क की कीमतों में भारी बढ़ोतरी की है, जिससे इस्पात कंपनियों की लागत बढ़ गई है। इस्पात कंपनियां बढ़ी लागत का बोझ ग्राहकों पर डालने और अपने मुनाफे को यथावत रखने का फैसला ले सकती हैं। 

एनएमडीसी को लौह अयस्क की कीमतें बढ़ाने से अपनी आय और लाभ बढ़ाने में मदद मिलेगी। कंपनी का उत्पादन बढ़ रहा है और इसमें अगले साल और बढ़ोतरी होने के आसार हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में नवंबर में लौह अयस्क के बाद 16 फीसदी बढ़ चुके हैं, जिसके बाद एनएमडीसी ने कीमतों में बढ़ोतरी का फैसला लिया है। एनएमडीसी अपनी कीमतें आयातित अयस्क की लागत से 15 से 30 फीसदी कम रखती है ताकि वह प्रतिस्पर्धी बनी रह सके। अब भी कंपनी के अयस्क के दाम पूर्वी भारत में आयातित अयस्क से 30 फीसदी और पश्चिमी भारत में आयातित लागत से 15 फीसदी कम हैं। आयात का जोखिम एनएमडीसी की कीमतों को नियंत्रित बनाए रखता है। 

ओडिशा में निजी खनिकों के अयस्क की कीमतें बढ़ाने के बाद सरकारी खनिक कंपनी एनएमडीसी ने लौह अयस्क की कीमतें 10 से 13 फीसदी बढ़ाई हैं। यह बढ़ोतरी तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है। कीमतों में इस बदलाव के बाद लौह अयस्क लंप की कीमतें 300 रुपये बढ़कर 2,600 रुपये प्रति टन हो गई हैं, जबकि फाइंस के दाम 200 रुपये बढ़कर 2,260 रुपये प्रति टन हो गए हैं। यह कीमत बढ़ोतरी 4 जुलाई, 2016 के बाद सबसे अधिक है। उस समय एनएमडीसी ने लौह अयस्क के दाम 20 से 23 फीसदी या 300 से 400 रुपये प्रति टन बढ़ाए थे। 
 

Advertising