टाटा संस की प्राइवेट लिमिटेड कंपनी पर सेबी की नजर

Wednesday, Jan 17, 2018 - 12:38 PM (IST)

नई दिल्लीः भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) टाटा संस की पब्लिक से प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनने की योजना पर नजर रख रहा है। बोर्ड इस बात का आकलन कर रहा है कि इससे शेयरधारकों खासकर टाटा की सूचीबद्ध कंपनियों के अल्पांश शेयरधारकों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।  अगर टाटा संस प्राइवेट कंपनी बनती है तो फिर उसकी सूचीबद्ध कंपनियां किसी दूसरी कंपनी को अपने शेयरों की बिक्री और हिस्सेदारी का हस्तांतरण नहीं कर पाएंगी।

टाटा संस के शेयरधारकों ने कंपनी के प्राइवेट बनने के पक्ष में मतदान किया था और इससे संबंधित प्रस्ताव 21 सितंबर, 2017 को वार्षिक आम बैठक में बहुमत से पारित हुआ था। सूत्रों के मुताबिक बाजार नियामक का कानूनी विभाग इस बात का आकलन कर रहा है कि कंपनी नया ढांचा क्यों चाहती है जबकि उसे पता है कि इससे कंपनियों के वित्तीय मूल्यांकन पर असर पड़ सकता है। टाटा समूह की 5 सूचीबद्ध कंपनियों टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा केमिकल्स, टाटा पावर और इंडियन होटल्स की टाटा संस में 11.41 फीसदी हिस्सेदारी है। प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनने की स्थिति में इन सूचीबद्ध कंपनियों को अपने शेयर बेचने के लिए टाटा संस बोर्ड से मंजूरी लेनी होगी। एक सूत्र ने कहा, 'सूचीबद्ध होने के कारण ये कंपनियां शेयरधारकों की पूंजी की संरक्षक हैं। इन कंपनियों को सभी शेयरधारकों के हित में काम करना चाहिए।'

इस संबंध में सेबी और टाटा संस को भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं आया। टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस की कंपनियों के शेयरधारकों की संख्या बहुत ज्यादा है। उदाहरण के लिए टाटा स्टील के 7 लाख से अधिक शेयरधारक हैं जबकि टाटा मोटर्स के शेयरधारकों की संख्या 6 लाख से अधिक है। सेबी साथ ही टाटा संस के कंपनी नियमों और वार्षिक आम बैठक में प्रस्तावित बदलावों का अध्ययन कर रहा है।
 

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