कश्मीर में एसिड अटैक की धमकी के बावजूद पंचायत चुनावों का जोर

Tuesday, Jan 09, 2018 - 02:16 PM (IST)

श्रीनगर : राज्य में होने वाले स्थानीय निकाय चुनाव में जो कोई भी मैदान पर उतरेगा उसकी आंखों में तेजाब डाल दिया जाएगा। यह धमकी सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रही है। दूसरी ओर बड़ी संख्या में पूर्व सरपंच इस चुनाव में दिलचस्पी ले रहे हैं और जम्मू-कश्मीर में 15 फरवरी को होने वाले स्थानीय निकाय के चुनाव में भाग लेने का फैसला कर चुके हैं। वैसे हिज्बुल मुजाहद्दीन के कमांडर बुरहान वानी की मौत के बाद भडक़ी हिंसा के कारण यहां पर 2016 से ही यह चुनाव नहीं कराए जा सके हैं। अब आतंकी संगठन ने कश्मीर के लोगों की धमकी दी है कि जो भी चुनाव में हिस्सा लेगा उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।


हिज्बुल मुजाहद्दीन के ऑपरेशनल कमांडर रियाज नायकू एक वीडियो में कह रहा है, आप लोगों ने 2016 में देखा कि कितने युवाओं की आंखों की रोशनी (पेलेट गन के कारण) चली गई। इसलिए हमने यह योजना बनाई है। कोई भी चुनाव में भाग लेगा उसे खींच कर घर से बाहर लाया जाएगा और फिर उसकी आंखों में सल्फरिक या हाइड्रोक्लोरिक एसिड डाल दिया जाएगा जिससे वह अपनी आंखों की रोशनी खो देगा, फिर अपने परिवार पर बोझ बन जाएगा। नायकू दक्षिण कश्मीर के अवंतिपुरा का रहने वाला है। 


पिछले चुनाव में हिस्सा लेने वालों में कुछ लोगों को मार दिया गया था, लेकिन इस बार चुनावी समर में उतरने वालों को मौत की धमकी के बजाए आंख में तेजाब (एसिड) डालने की धमकी मिल रही है। हालांकि इस वीडियो की सच्चाई के बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं है। लेकिन पहले भी ऐसे ही कई वीडियो अलग-अलग मौकों पर आतंकी संगठनों की ओर से जारी किए जाते रहे हैं, जो बाद में सोशल मीडिया में वायरल हो गए।

पुलिस ने नहीं दिया कोई बयान
इस पूरे प्रकरण पर दक्षिण कश्मीर के डी.आई.जी. एस.पी. पानी ने किसी तरह का कोई बयान देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि कि इस क्लिप के बारे में सुना जरूर है पर देखा नहीं है। जम्मू-कश्मीर पुलिस इस कथित वीडियो की सच्चाई के बारे में पता लगाने में जुटी है। इस वीडियो में नायकू अपने कमांडर समीर टाइगर से बातचीत के दौरान आंख में तेजाब डालने की बात कर रहा है।

2011 में हुए थे निकाय चुनाव
पिछली बार 2011 में स्थानीय निकाय के चुनाव हुए थे जिसमें 80 फीसदी लोगों ने मतदान किया था। हालांकि पिछले कुछ समय से घाटी में अशांति बनी हुई है। सत्तारुढ़ पीडीपी के कार्यकर्ता और पूर्व सरपंच रमजान शेख की हत्या पिछले साल अक्टूबर में सोपियां जिले में कर दी गई थीण् ज्यादातर पंच और सरपंच राजनीतिक दलों से जुड़े रहे हैं।

स्थानीय नेताओं को भी दी है धमकी
आतंकी कमांडर स्थानीय स्तर के नेताओं को भी धमकी दे रहा है कि जो लोग चुनाव में हिस्सा लेने के लिए बाकी लोगों को प्रोत्साहित करेंगे उनके साथ भी ऐसा ही सलूक किया जाएगा। आतंकी धमकी के अलावा कई अलगाववादी संगठन भी लोगों से आगामी चुनाव का बहिष्कार करने की बात कह रहे हैं।

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