भारत की कूटनीति कर गई काम, चीन की स्पोर्ट के बावजूद फंस गया पाक

Sunday, Nov 05, 2017 - 10:34 AM (IST)

इस्लामाबादः आतंकवाद की पनाहगाह बने पाकिस्तान एक बार फिर दुनिया के सामने शर्मसार होना पड़ रहा है। दरअसल अब फाइनेंशियल एक्शन टॉस्क फोर्स (FATF  ने पाकिस्तान की फजीहत करते  3 महीने की भीतर टैरर फंडिग पर रिपोर्ट मांगी है। FATF ऐसी वैश्विक संस्था है जो आतंकी फंडिंग, ड्रग्स तस्करी और हवाला कारोबार पर निगरानी रखती है। चीन के विरोध के बावजूद  इसे पाक प्रायोजित आतंकवाद पर अंकुश लगाने के लिए भारत के प्रयासों को बड़ी सफलता माना जा रहा है।  भारत की इस कूटनीतिक जीत से जहां पाक का दोस्त चीन आतंकवाद के मुद्दे वैश्विक मंच पर अलग थलग पड़ गया है। 

यह फैसला गत दिवस अर्जेन्टीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स समूह की बैठक में लिया गया। बैठक में भारत ने  टैरर फंडिंग का मुद्दा उठाते हुए पाकिस्तान पर सुरक्षा परिषद के आदेशों को दरकिनार करने और टैरर फंडिंग के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने की बात कही। इसके बाद FATF ने पाकिस्तान को 3 माह के लिए निगरानी सूची में डाला और फरवरी 2018 तक जवाब देने के निर्देश दिए हैं।

भारत वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान की ओर से समर्थित आतंकवाद और आतंकी समूहों के मुद्दे को उठाता रहा है। ब्यूनस आयर्स में आयोजित FATF की बैठक में भी चीन ने मसूद अजहर को वीटो लगाकर बचाने की तरह ही पाकिस्तान को इस मामले में भी बचाने की कोशिश की थी लेकिन दो स्पीकर्स से भारत को मिले समर्थन के बाद चीन अलग-थलग पड़ गया।मनी लॉड्रिंग के खिलाफ FATF के एशिया पैसिफिक समूह ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि पाकिस्तान UNSCR 1276 को लागू करने के लिए जरूरी कार्रवाई करे।  

रिपोर्ट में कहा गया कि पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान को आतंकी समूहों के बैंकिंग खाते बंद करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही उसे यह भी बताना होगा कि सरकार के निर्देश पर आतंकियों के वित्तीय ढांचे को बैन करने के क्या कदम उठाए गए। इसके अलावा टेरर फंडिंग से जुड़ी जानकारी साझा करने और उसके खिलाफ तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए गए हैं।

 

Advertising