पंचकूला को ''मिनी रॉक गार्डन'' की सौगात देने वाले पी.डी.गौरी का देहांत, दिली तमन्ना रह गई अधूरी

Tuesday, Nov 21, 2017 - 02:36 PM (IST)

पंचकूला, (चंदन/आशीष) : प्रभु दत गौरी शहर में दूसरे नेक चंद के नाम से जाने जाते थे, लेकिन अब उनका शहर में रॉक गार्डन बनाने का सपना अधूरा रहा गया है। सोमवार को शहर के एल्केमिस्ट अस्पताल में उन्होंने करीब दोपहर 12 बजे अंतिम साँस ली। बेटों ने अपने पिता की अतिम इच्छा पूरी करते हुए उनकी बॉडी चंडीगढ़ के पी.जी.आई. को डोनेट कर दी है। 

'मिनी रॉक गार्डन' था सपना :
83 वर्ष के गौरी बैंक से रिटायर्ड हुए थे। सैक्टर-12 ए में गौरी ने बढ़ती उम्र को दरकिनार कर घर के सामने बेकार पड़ी जमीन पर वेस्ट मैटीरियल से मिनी रॉक गार्डन का निर्माण किया था और साफ करवा कर उस पर वेस्ट मैटीरियल से पिरामिड,छोटी-छोटी पहाडिय़ां, चर्च, गुरुद्वारा, मंदिर, वॉच हाऊस, गेट आदि का निर्माण कर मिनी रॉक गार्डन बनाया था। वह अपने स्ट्रक्चर्स  में सीमैंट, रेत सरिया का इस्तेमाल नही  करते थे। पी.डी.गौरी को गणतंत्र दिवस पर भी सम्मानित किया जा चुका है। प्रशासन की ओर से शहर के हर चौराहों पर उन्हें जगह दी जानी थी ताकि खाली जगहों पर स्ट्रक्चर बनाए जा सकें। वेस्ट मारबल एंव मलबा  और थोडे से सीमेट की मदद से शानदार रेल इंजन भी तैयार कर चुके है जिसे दूर से ही देखते ही कोई भी बता सकता है कि यह पुरानी गाड़ी का रेल इंजन है। गौरी चंडीगढ स्थित रॉक गार्डन के निर्माता नेक चंद को अमर रखने के लिए उनकी ही तरह पंचकूला मे वेस्ट मैटीरियल से अद्भुत कृतिया बना रहे थे। उनका मकसद था कि उनके शहर का नाम भी रोशन हो। 

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