पदोन्नति और धन लाभ हेतु कल घर की पश्चिम दिशा में करें पूजन

Tuesday, Jan 23, 2018 - 10:52 AM (IST)

बुधवार दि॰ 24.01.18 को माघ शुक्ल सप्तमी को गुप्त नवरात्र के अंतर्गत सप्तम दुर्गा कालरात्रि का पूजन किया जाएगा। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार शनि ग्रह व पश्चिम दिशा की स्वामिनी देवी कालरात्रि का स्वरूप अत्यंत भयंकर है जिससे वो पाप नाश करती है। भक्तों को सदैव शुभफल प्रदान करने के कारण इन्हें शुभंकरी कहते हैं। पौराणिक मतानुसार कालरात्रि ही महामाया व विष्णु की योगनिद्रा हैं। शास्त्रनुसार देवी का रंग काजल के समान कालिमा लिए हुए है। त्रिनेत्री देवी के शरीर से बिजली की भांति किरणें निकलती हैं। कंठ में विद्युत माला पहने देवी के केश खुले हैं। गर्दभ पर सवार चतुर्भुजी देवी अपनी ऊपरी दाईं भुजा से भक्तों को वरदान देती हैं व नीचे की दाईं भुजा से अभय का आशीर्वाद देती हैं। बाईं भुजा में क्रमश: तलवार व खड्ग धारण किया है। 


ज्योतिषशास्त्र अनुसार देवी कालरात्रि का संबंध व्यक्ति की कुंडली के दसवें व ग्यारहवें भाव से है अतः देवी व्यक्ति के कर्मक्षेत्र, प्रोफेशन, पितृ, पिता, आय, लाभ, नौकरी पर अपना स्वामित्व रखती है। देवी की साधना से ग्रह बाधा शांत होती है, पदोन्नति मिलती है व धन लाभ होता है।


पूजन विधि: घर की पश्चिम दिशा में पश्चिममुखी होकर नीले वस्त्र बिछाकर देवी कालरात्रि के चित्र की स्थापना कर विधिवत पूजन करें। स्टील के दिए में तिल के तेल का दीप करें, लोहबान से धूप करें, काजल से तिलक करें, नीले फूल चढ़ाएं, तथा  रेवड़ियों का भोग लगाएं। हकीक की माला से 108 बार यह विशेष मंत्र जपें। पूजन उपरांत भोग प्रसाद स्वरूप वितरित करें।

 
पूजन मुहूर्त: प्रातः 10:00 से प्रातः 11:00 तक।
पूजन मंत्र: ॐ कालरात्र्यै देव्यै: नमः॥


उपाय
पदोन्नति हेतु देवी कालरात्रि पर चढ़े 10 लौंग ऑफिस की दराज में रखें।


धन लाभ हेतु देवी कालरात्रि पर 11 सिक्के चढ़ाकर तिजोरी में रखें।


ग्रह बाधा की शांति हेतु देवी कालरात्रि पर चढ़े 12 काली मिर्च के दाने जलप्रवाह करें।

आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com

 

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