डिजिटल पहल के आधार पर होगी उत्कृष्ट उच्च शैक्षणिक संस्थानों की पहचान

Monday, Nov 06, 2017 - 04:18 PM (IST)

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने देश के सभी विश्वविद्यालयों एवं विश्वविद्यालय स्तर की संस्थाओं से उच्च शिक्षा डिजिटल कार्य योजना 2017 के आंकड़े अखिल भारतीय उच्च शिक्षा सर्वे (एआईएसएचई) के पोर्टल पर पेश करने को कहा है ताकि आधुनिक शिक्षा के बदलते वैश्विक प्रारूप के अनुरूप अच्छा प्रदर्शन करने वाली संस्थाओं की पहचान की जा सके। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया,‘‘ सभी विश्वविद्यालय या विश्वविद्यालय स्तर की संस्थाओं को 15 नवंबर तक एआईएसएचई पोर्टल पर डिजिटल एक्शन प्लान 17 : 17 से संबंधित आंकड़े पेश करने को कहा गया है । ’’

उन्होंने बताया कि इस दिशा में मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने हाल ही में देश के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को पत्र लिखा है ।जावड़ेकर ने अपने पत्र में कहा कि 9 जुलाई 2017 को आयोजित राष्ट्रीय डिजिटल पहल सम्मेलन में उच्च शैक्षणिक संस्थाओं में 17 सूत्री कार्य योजना मंजूर की गई थी जिसे दिसंबर 2017 तक लागू किया जाना है । उन्होंने कुलपतियों से कहा कि आप इस बात से सहमत होंगे कि शिक्षा प्रौद्योगिकी की दुनिया काफी तेजी से बदल रही है और शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से प्रौद्योगिकी को जोडऩे से हमें फायदा मिलेगा। पूरी दुनिया में विश्वविद्यालय परिसर अपने कामकाज में उच्च प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रहे हैं और इसे अकादमिक मानक के रूप में शामिल किया गया है। हमें भी बिना देरी किये, इस पहल को तेजी से लागू करना चाहिए।

मंत्री ने अपने पत्र में कहा कि मैंने अखिल भारतीय उच्च शिक्षा सर्वे (एआईएसएचई) को डिजिटल कार्य योजना निगरानी पोर्टल तैयार करने और इसे 10 नवंबर 2017 तक अमल में लाने को कहा है। इससे अच्छा प्रदर्शन करने वाले संस्थानों की पहचान की जा सकेगी और जरूरतमंद विश्वविद्यालयों एवं संस्थाओं को मदद की जा सकेगी ।   उल्लेखनीय है कि 9 जुलाई 2017 को आयोजित राष्ट्रीय डिजिटल पहल सम्मेलन में 17 सूत्री कार्य योजना को मंजूरी प्रदान की गई थी और यह तय किया गया था कि विश्वविद्यालय एवं विश्वविद्यालय स्तर के संस्थान इन्हें दिसंबर 2017 तक लागू करें । इसमें स्वयं, स्वयं प्रभा, नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी, राष्ट्रीय अकादमिक निक्षेपागार जैसे शीर्षकों के कार्य योजना तय की गई है । इसके अलावा स्वच्छ परिसर, स्मार्ट कैंपस, डिजिटल कैंपस पर भी जोर दिया गया है

उच्च शिक्षा के लिये डिजिटल पहल में तय कार्य योजना 2017 में स्वयं, स्वयं प्रभा, नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी, राष्ट्रीय अकादमिक निक्षेपागार जैसे शीर्षकों के तहत 17 सूत्री कार्यक्रम तय किये गए थे । मानव संसाधन विकास मंत्रालय के ‘‘स्वयं ’’ कार्यक्रम एक विशाल खुले ऑनलाइन पाठ्यक्रम (एमओओसीएस) की पहल है। स्वयं के तहत शैक्षणिक पाठ्यक्रम ऑनलाइन उपलब्ध कराए जाएंगे और डिजिटल कक्षाओं के माध्यम से छात्रों तक पहुँचा जा सकता है। इसमें देश का कोई भी व्यक्ति पंजीकरण कराकर शिक्षा ग्रहण कर सकता है। यदि कोई छात्र स्वयं की पहल के माध्यम से प्रमाणीकरण चाहता है, तो मामूली शुल्क पर प्रमाणपत्र उपलब्ध कराया जाएगा। इस पहल के माध्यम से सभी अध्ययन सामग्री और कक्षा में हुए प्रशिक्षण के वीडियो को नि:शुल्क उपलब्ध कराया जाएगा। 

मंत्रालय के अनुसार, स्वयं प्रभा पहल के तहत सभी कुलपति डीडी फ्री डिश बाजार से खरीदने का निर्देश दे सकते हैं जिसकी लागत एकबारगी करीब 1400 रूपये आयेगी । इन्हें सबसे पहले कार्यालय में और फिर यथा संभव कक्षाओं में लगाया जाए । ऐसे ही संदेश संबद्ध संस्थाओं को जारी किये जाएं । मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कहा है कि सभी संस्थाएं और संबद्ध कालेज तत्काल राष्ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी (एनडीएल) पहल का हिस्सा बने। इससे छात्रों को नि:शुल्क डिजिटल संसाधनों तक पहुंच उपलब्ध हो सकेगी ।  

डिजिटल कैंपस  बनाने पर जोर 
डिजिटल पहल में तय कार्य योजना 2017 में राष्ट्रीय शैक्षणिक डिपॉजिटरी योजना को भी जोड़ा गया है। यह एक डिजिटल बैंक है, जिसका उपयोग शैक्षणिक संस्थानों द्वारा शैक्षिक डिग्री, प्रमाणपत्र और देश भर के उच्चतर शिक्षा संस्थानों द्वारा प्रदान किए जाने वाले डिप्लोमा को सुरक्षित करने के लिए किया जा सकता है। इसमें इन प्रमाण पत्रों के खोने का डर भी नहीं होगा। इस डिपॉजिटरी के उपयोग से छात्रों और प्रमाण पत्र धारकों के साथ शैक्षणिक संस्थानों तथा भावी नियोक्ताओं के द्वारा किये जाने वाले प्रमाण पत्रों के सत्यापन और प्रमाणीकरण में तेजी और आसानी आयेगी। साथ ही फर्जी डिग्रियों और प्रमाण पत्रों के सत्यापन की समस्या से निजात मिल जायेगी।  इसके अलावा स्वच्छ परिसर, स्मार्ट कैंपस, डिजिटल कैंपस पर जोर दिया गया है ।
 

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