गुजरात: 4 घंटे की माथापच्ची के बाद शुरू हुई पहली कैबिनेट बैठक

Friday, Dec 29, 2017 - 12:29 AM (IST)

गांधीनगर: गुजरात में पिछली बार से कम सीटें जीत कर सत्ता में आई भाजपा की सरकार में दोबारा मुख्यमंत्री बने विजय रूपाणी की पहली कैबिनेट बैठक मंत्रियों के विभागों के बटवारे को लेकर कथित माथापच्ची और मतभेद के चलते गुरुवार को चार घंटे विलंब से शुरू हुई पर आखिरकार विभागों का बंटवारा हो गया।

मुख्यमंत्री रूपाणी ने गृह और सूचना प्रसारण समेत अन्य वह सभी विभाग अपने पास रखें है जिन्हें फिलहाल किसी अन्य को नहीं दिया गया है। उपमुख्यमंत्री नीतिन पटेल के पास से वित्त विभाग लेकर सौरभ पटेल को दे दिया गया है और उन्हें ऊर्जा विभाग भी सौंपा गया है।

नए शामिल किए गए कैबिनेट मंत्री कौशिक पटेल को राजस्व विभाग दिया गया है। ईश्वर परमार को सामाजिक और अधिकारिता विभाग दिया गया है। गणपत वसावा को फिर से आदिवासी विकास, जयेश रादडिय़ा को खाद्य और नागरिक आपूर्ति और दिलीप ठाकोर को श्रम और रोजगार विभाग की जिम्मेदारी दी गई है।

आर सी फलदू को कृषि मंत्री बनाया गया है। मंत्रिपरिषद की एक मात्र महिला मंत्री विभावरीबेन दवे को महिला एवं बाल विकास विभाग का राज्यमंत्री बनाया गया है। 26 दिसंबर को ही उपमुख्यमंत्री नीतिन पटेल और आठ अन्य कैबिनेट तथा 10 राज्य मंत्रियों के साथ शपथ लेने वाले रूपाणी की सरकार की पहली कैबिनेट बैठक बुधवार को ही होने वाली थी पर उनके हिमाचल प्रदेश में भाजपा सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए शिमला जाने के चलते इसे गुरुवार शाम पांच बजे तक स्थगित कर दिया गया था।

इससे पहले मंत्रियों के विभागों के बटवारे पर उनके और उपमुख्यमंत्री की मौजूदगी में हुई बैठक लंबे समय तक बेनतीजा रही। मतभेद के बाद यह मामला कथित तौर पर दिल्ली दरबार तक पहुंच गया और फिर जाकर यह सुलझा। कैबिनेट की बैठक चार घंटे विलंब से यानी रात नौ बजे शुरू हो सकी।हालांकि सरकार में सबकुछ ठीक होने का संदेश देने के लिए रूपाणी और पटेल एक ही वाहन में सचिवालय पहुंचे।

भाजपा अध्यक्ष जीतू वाघाणी ने हालांकि दावा किया कि गुरुवार को संसद में तीन तलाक संबंधी विधेयक पर चर्चा के चलते केंद्रीय नेतृत्व की व्यवस्तता के कारण उनसे सलाह में देरी से बैठक की शुरुआत देर से हुई।

बैठक के बाद मुख्यमंत्री रूपाणी ने बताया कि समर्थन मूल्य पर मूंगफली की खरीद जारी रखने का निर्णय किया गया है। इसके लिए गोदामों की उपलब्धता और निजी स्कूलों के फीस पर नियंत्रण संबंधी कानून को कड़ाई से लागू करने जैसे मुद्दों पर भी आज की बैठक में चर्चा हुई।

इस बीच, पिछली बार की 115 की जगह मात्र 99 सीटें जीतने वाली भाजपा की सरकार के लिए पहली ही कैबिनेट की बैठक में देरी को शुभ संकेत नहीं माना जा रहा। मंत्रियों तथा उनके विभागों की विस्तृत सूची अलग से दी जा रही है। 

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