सरकार ने इस्राइल से टैंक रोधी मिसाइल हासिल करने की प्रक्रिया वापस ली

Monday, Nov 20, 2017 - 08:47 PM (IST)

नई दिल्ली : सरकार ने सेना के लिए इस्राइल से टैंक रोधी निर्देशित मिसाइल (एटीजीएम) ‘स्पाइक’ हासिल करने की प्रक्रिया को वापस लेने का फैसला किया है। इसके साथ ही सरकार ने प्रमुख रक्षा अनुसंधान प्रयोगशाला डीआरडीओ को स्वदेशी प्रौद्योगिकी के साथ इसे विकसित करने के लिए कहा है।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सरकार ने एक इस्राइली कंपनी से स्पाइक मिसाइलें खरीदने के लिए प्रस्ताव के लिए अनुरोध (आरएफपी) वापस लेने का फैसला किया है। सूत्रों ने संकेत दिया कि मिसाइलें हासिल करने की प्रक्रिया में उस समय बाधाएं आईं जब जाहिरा तौर पर इस्राइली पक्ष ने ‘‘मेक इन इंडिया’’ पहल के प्रावधानों के अनुसार प्रौद्योगिकी का पूर्ण हस्तांतरण सुनिश्चित करने पर आपत्ति जताई।

उन्होंने कहा कि डीआरडीओ द्वारा एटीजीएम तैयार करने का भरोसा जताने के बाद आरएफपी से हटने का फैसला किया गया। सूत्रों ने बताया कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) को अब इस परियोजना पर काम करने को कहा गया है तथा मिसाइल विकसित करने के लिए चार साल का समय दिया गया है। इस मुद्दे पर रक्षा मंत्रालय की ओर से कोई औपचारिक बयान नहीं दिया गया है।

भारत का कल्याणी समूह और इस्राइली सरकार की राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टस ने अगस्त में हैदराबाद के पास 70 करोड़ रुपए की लागत से एक उत्पादन इकाई की शुरुआत की थी। उसे उम्मीद थी कि इस्राइली कंपनी को ही यह ठेका मिलेगा। उधर यरूशलम में, राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टस ने कहा कि आरएफपी से हटने के बारे में उसे भारत की ओर से कोई सूचना नहीं मिली है।

राफेल के उप प्रवक्ता इशय डेविड ने कहा कि स्पाइक मिसाइलें खरीदने के फैसले में परिवर्तन के बारे में राफेल को आधिकारिक रूप से कोई सूचना नहीं मिली है। दुनिया भर में 26 विभिन्न सेनाएं स्पाइक का इस्तेमाल कर रही हैं। उन्होंने कहा कि भारत द्वारा इसका चयन एक लंबी और कठोर प्रक्रिया के बाद किया गया था। उस प्रक्रिया में राफेल ने सभी जरूरतों को पूरा किया था। 

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