अपनी जिंदगी का फैसला ले सकती हैं बालिग लड़कियां: SC

Friday, Jan 05, 2018 - 06:56 PM (IST)

नई दिल्लीः देश शीर्ष अदालत ने एक टिप्पणी करते हुए कहा कि बालिग लड़की को अपनी जिंदगी का फैसला करने का पूरा अधिकार है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि बालिग लड़कियों को पूरा अधिकार है कि वे अपनी मर्जी से फैसला लें और उसमें कोई भी रोक नहीं लगाई जा सकती है। अदालत ने कहा कि वे बालिग के तौर पर जहां जाना चाहे जा सकती हैं और जो चाहे कर सकती हैं।

दरअसल, एक महीला ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी बालिग बेटी की कस्टडी की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने उस गुहार को ठुकराते हुए कहा कि बालिग के तौर पर लड़की को उनकी मर्जी के बगैर नहीं रोका जा सकता है। याचिकाकर्ता ने कहा था कि बच्ची की कस्टडी फैमिली कोर्ट ने उसे दी थी लेकिन पिछले साल सितंबर में जब लड़की बालिग हुई थी तो उसने कुवैत जाकर पिता के साथ रहने की जिद्द कर रही थी।

इसके बाद लड़की की मां ने कोर्ट में अर्जी दाखिल कर बच्ची की कस्टडी के लिए गुहार लगाई थी। इस पर शीर्ष अदालत ने बच्ची की कस्टडी पर कोई आदेश देने से मना दिया और कहा कि एक बार जब लड़की बालिग हो जाए तो फिर वह कहीं भी रह सकती है। यह फैसला लेने का उसे पूर्ण अधिकार है। एेसे में चाहे वो अपने पिता के पास रहे या अपनी मां के पास रहे। यह उसका निजी अधिकार है। 
 

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