फ्रांस का बोंजूर इंडिया कार्यक्रम चार महीनों तक देश भर में चलेगा

Wednesday, Nov 08, 2017 - 07:11 PM (IST)

नई दिल्ली: अगले महीने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के भारत आने के पहले फ्रांस भारत में अपनी कला, संस्कृति , शिक्षा, विज्ञान और आविष्कार की झांकी प्रदर्शित करेगा। फ्रांस ये कार्यक्रम अगले चार महीनों के दौरान भारत के 22 राज्योँ के 33 शहरों में दिखाएगा। बोंजूर इंडिया नाम से फ्रांस के दूतावास द्वारा प्रदर्शित किए जाने वाले राष्ट्रव्यापी  कार्यक्रमों के जरिए फ्रांस भारत की जनता से सीधा संवाद करना चाहता है और भारत के साथ आर्थिक,राजनीतिक और सामरिक रिश्तों को और गहरा बनाना चाहता है।

उल्लेखनीय है कि अगले महीने फ्रांस के राष्ट्रपति के भारत दौरे की जमीन तैयार करने के लिए अगले सप्ताह फ्रांस के विदेश मंत्री ’ज्यां ल द्रयां भारत आ रहे हैं। बोंजूर इंडिया कार्यक्रम के पहले पिछले  साल भारत ने भी फ्रांस में नमस्ते इंडिया नाम से अपने देश की संस्कृति की झांकियां प्रदर्शित की थी।

फ्रांस के राजदूत अलेक्जेंडर जिगलर ने यहां एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि भारत और फ्रांस की दोस्ती को यादगार बनाने वाला यह कार्यक्रम दोनों देशों के लोगों के बीच रिश्ते घनिष्ठ बनाने के इरादे से है। राजदूत ने कहा कि बोंजूर इंडिया भारत और फ्रांस के बीच दोस्ती और परस्पर विश्वास के ऐतिहासिक रिश्तों की झलक दिखाने के लिए एक अहम कार्यक्रम साबित होगा। पिछले कुछ सालों से भारत में आयोजित इस कार्यक्रम ने भारत में काफी विस्तार लिया है।

उन्होंने कहा कि आज की दुनिया एक दूसरे से गहरी जुड़ती जा रही है इसलिए मानवता की चुनौतियों से साझा तौर पर निबटने की कोशिश की यह एक कोशिश है। इस कार्यक्रम के दौरान फ्रांस भारत के साथ साझेदारी के रिश्तों पर फोकस करने के साथ रचनात्मकता और आविष्कार के बारे में अपने अनुभवों को साझा करेगा।

भारतीय सांस्कृतिक सहयोग परिषद के सहयोग से चलाया जा रहा बोंजूर इंडिया कार्यक्रम पहली बार 2009 में शुरू हुआ था। 18 नवम्बर से शुरू हो रहा बोंजूर इंडिया कार्यक्रम मुख्य तौर पर युवा पर फोकस रहेगा इसलिए इस दौरान शिक्षा और शोध में आपसी सहयोग को बढ़ावा देने के मसलों पर चर्चा होगी। राजदूत जिगलर ने कहा कि फ्रांस में भारत के करीब 4 हजार छात्र ही पढ़ते हैं और भारत में फ्रांस के कुछ सौ छात्र पढ़ते हैं। दोनों देशों का लक्ष्य है कि शिक्षा के क्षेत्र में रिश्ते और गहरे हों। इसलिए उद्योग संगठन सीआईआई के सहयोग से शिक्षा के क्षेत्र में पहला इंडोफ्रेंच फोरम का आयोजन होगा।

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