कंपनियों ने एक महीने में काट दिए 30 लाख गैस कनैक्शन, यह है वजह

Wednesday, Jan 17, 2018 - 09:35 AM (IST)

नई दिल्लीः इंडियन ऑयल कार्पोरेशन (आई.ओ.सी.), हिंदुस्तान पैट्रोलियम कार्पोरेशन (एच.पी.सी.एल.) और भारत पैट्रोलियम कार्पोरेशन (बी.पी.सी.एल.) ने इस महीने 30 लाख रसोई गैस कनैक्शन काट दिए हैं जबकि 1 करोड़ कनैक्शनों की जांच चल रही है। कंपनी के अधिकारियों एवं डीलरों के मुताबिक बंद किए गए खाते घरेलू गैर-सबसिडी वाले उपभोक्ताओं (डी.एन.एस.सी.) के हैं जो गैर-नकदी हस्तांतरण अनुपालन (एन.सी.टी.सी.) वाले कनैक्शन हैं। एन.सी.टी.सी. कनैक्शन ऐसे होते हैं जो बैंक खाते से नहीं जुड़े होते और उन पर सबसिडी नहीं दी जाती है। बहरहाल यह कार्रवाई रसोई गैस का इस्तेमाल दूसरे मद में करने को रोकने के मकसद से की गई है।

खातों से लिंक नहीं थे कनैक्शन 
अधिकारियों के मुताबिक ये 30 लाख कनैक्शन डोमैस्टिक नॉन-सबसिडाइज कंज्यूमर्स (डी.एन.एस.सी.) के हैं। ये लोग नॉन-कैश ट्रांजैक्शन कम्प्लाइंट (एन.सी.टी.सी.) के तहत काम कर रहे थे। एन.सी.टी.सी. कनैक्शन पर सरकार सबसिडी नहीं देती है। खाना बनाने के अलावा अन्य कमर्शियल कामों में रसोई गैस का इस्तेमाल रोकने के लिए कम्पनियों की ओर से यह कार्रवाई की गई है।

गैस कनैक्शन को आधार और अकाऊंट से करवाएं लिंक 
रिपोर्ट के मुताबिक 1 करोड़ कनैक्शन अब भी तीनों कंपनियां की जांच के दायरे में हैं। अगर आपने गैस कनैक्शन को बैंक अकाऊंट के साथ लिंक नहीं करवाया है तो आपके गैस कनैक्शन पर भी गाज गिर सकती है। भले ही आपने गिव इट अप अभियान के तहत सिलैंडर पर सरकार से सबसिडी छोड़ रखी हो इसलिए ऐसा है तो तुरंत अपने गैस कनैक्शन को आधार और अकाऊंट से लिंक करवाएं।

7.5 करोड़ फर्जी कनैक्शन की पहचान 
पिछले साल सरकार ने ऐसे लोगों के रसोई गैस कनैक्शन को सबसिडी के दायरे से बाहर कर दिया था जिनकी सालाना इन्कम 10 लाख रुपए या उससे ज्यादा है। सरकार कम से कम 7.5 करोड़ फर्जी या डुप्लीकेट कनैक्शन चिन्हित करने में सफल रही है। सरकार के इस कदम से अफरा-तफरी भी मच सकती है। अगर उपभोक्ता के मौजूदा कनैक्शन को बंद कर दिया जाता है तो खाना बनाने के लिए कोई वैकल्पिक ईंधन नहीं है।

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