चीन का वन बेल्ट, वन रोड पहल आर्थिक समन्वय की बजाए अस्थिरता को बढ़ावा देगा : विशेषज्ञ

punjabkesari.in Sunday, Nov 12, 2017 - 08:59 PM (IST)

नई दिल्ली : चीन और पाकिस्तान के साथ वन बेल्ट-वन रोड समेत कई मुद्दों को लेकर भारत से जटिल होते रिश्तों के बीच एक रिपोर्ट आई है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसे में जब भारत और पाकिस्तान शंघाई सहयोग संगठन में शामिल हैं तब वन बेल्ड-वन रोड पहल इस क्षेत्र में आर्थिक समन्वय स्थापित करने की बजाए अस्थिरता को बढ़ावा देगा।

इंस्टीट्यूट ऑफ डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस (आईडीएसए) से जुड़े विशेषज्ञ पी शतोब्दन की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और पाकिस्तान शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में शामिल है और ऐसे इस मंच पर विविध प्रकार के हितों के टकराव, आतंकवाद से मुकाबला करने के वैश्विक मुद्दे समेत कई अन्य विषय सामने आएंगे। ऐसे में कई अवसरों पर भारत का रुख अन्य देशों के अनुरूप नहीं हो पाएगा और टकराव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि जेईएम सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित करने, परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत के प्रवेश के मुद्दे पर चीन के रुख को लेकर संदेह गहरा हो रहा है। इसमें कहा गया है कि यह ऐसे समय में महत्वपूर्ण है जब रूस के साथ भारत की पारंपरिक साझेदारी भी अफगानिस्तान जैसे मुद्दों पर पटरी से उतरती प्रतीत हो रही है। चीन भी अफगानिस्तान के मुद्दे पर पाकिस्तान, तजाकिस्तान और अफगानिस्तान के साथ क्षेत्रीय समूह बना रहा है।

भारत ने वन बेल्ट-वन रोड के मुद्दे को सम्प्रभुता के विषय से जोड़ते हुए इस बारे में आयोजित सम्मेलन का बहिष्कार किया है। चीन की वृहद वैश्विक कनेक्टिविटी परियोजना ‘‘वन बेल्ट वन रोड’’ दक्षिण एशिया के देशों के लिए बड़ी आर्थिक मुश्किलें पैदा कर सकता है। इस परियोजना के जरिए चीन को जमीन और समुद्र के जरिए दक्षिण पूर्व एशिया और मध्य एशिया से होकर यूरोप से जोडऩे की योजना है।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News